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 एंटी-कैंसर औषधियों की कालाबाजारी करने वालों को दबोचा  

 बड़े अंतरराज्यीय आपराधिक गिरोह का हुआ खुलासा,प्राथमिकी दर्ज

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। इंसानी जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले दवा माफियाओं को दबोचा गया।

एफएसडीए और पुलिस की संयुक्त टीम की छापेमारी में दवा माफियाओं के पन्ने खुलते जा रहे हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन उत्तर प्रदेश एवं गाज़ियाबाद पुलिस की सयुक्त कार्रवाई में बड़ा खुलासा किया है।

जिसमें एंटी-कैंसर औषधियों की अवैध भंडारण व क्रय विक्रय में लिप्त तीन अभियुक्त के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज गयी है। मुख्य अभियुक्त सरकारी (CGHS) औषधियों के डायवर्जन और नकली कारोबार में लिप्त पाया गया। वहीं

औषधि निरीक्षक खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, गाज़ियाबाद, आशुतोष मिश्र, रुदरेश कुमार त्रिपाठी, मुख्यालय स्तर से औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर एवं अपराध शाखा (स्वाट टीम) गाज़ियाबाद के साथ मिलकर एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील संयुक्त ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है।

कार्रवाई में जीवन रक्षक एंटी-कैंसर औषधियों की कालाबाजारी करने वाले एक बड़े अंतरराज्यीय आपराधिक गिरोह का खुलासा हुआ है। तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके कब्जे से लगभाग 19 लाख रुपये मूल्य की इंपोर्टेड एंटी-कैंसर औषधियाँ और भारी मात्रा में अवैध रूप से अर्जित ₹8,85,000/- नगदी बरामद हुई है।

बरामद औषधियों में..

KEYTRUDA, ENHERTU, GEFTIB, BILYPSA, NOVOTEX, ZOLASTA, CACIT 500mg आदि उच्च-मूल्य वाली एंटी-कैंसर एवं लाइफ सेविंग ड्रग्स। जीमकी कीमत लगभाग रुपये 19 लाख है, को औषधि निरीक्षक गाज़ियाबाद द्वारा सीज कर लिया गया है।

उक्त औषधियों के क्रय विक्रय के सम्बन्ध में ₹8,85,000/- नकदी को पुलिस द्वारा सीज किया गया।

प्रयुक्त वाहन XUV 700 (रजि. नं. UP14 GM 6007) नमूना संगर्हित बरामद औषधियों में से तीन संदिग्ध औषधियों के नमूने जांच के लिए संग्रहित किए गए ।

औषधि निरीक्षक गाज़ियाबाद (आशुतोष मिश्रा एवं रूद्रेश कुमार त्रिपाठी) द्वारा की गई जाँच में

जानें दवा माफियाओं के हथकंडे..

>> केंद्र सरकार की सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ सर्विसेज़ सप्लाई (CGHS) का आपराधिक दुरुपयोग।

अभियुक्तों द्वारा आयातित (Imported) व उच्च-मूल्य वाली औषधि KEYTRUDA MRP 2,16,500/- को अवैध रूप से बेचा जा रहा था, जिस पर स्पष्ट रूप से “CGHS SUPPLY NOT FOR SALE” अंकित था।

सार्वजनिक धन की चोरी इन औषधियों का क्रय केंद्र सरकार द्वारा पूर्णतः वित्तपोषित होता है, और यह CGHS लाभार्थियों को मुफ्त वितरित की जाती हैं।

अभियुक्त मुहर को रोहिणी दिल्ली स्थित रघुनन्दन मेडिकल स्टोर के संचालक मनोज राजपाल नाम के व्यक्ति को ₹3,000/- देकर इसपर प्रिंटेड “CGHS SUPPLY NOT FOR SALE” मिटवाकर (डीफेस करके) इन औषधियों को बाजार में बेचकर सार्वजनिक धन की चोरी कर रहे थे।

इस कृत्य से ज़रूरतमंद कैंसर मरीज़ों को उनकी मुफ्त दवा से वंचित किया जाता है, जिससे देश की स्वास्थ्य सेवा योजना का उद्देश्य विफल होता है।

>> कोल्ड चेन का उल्लंघन (जीवन से खिलवाड़)

ENHERTU और KEYTRUDA जैसी अति संवेदनशील इन्जेक्शन, जिन्हें अनिवार्य रूप से ‘कोल्ड चेन’ (2°C से 8°C) में रखना आवश्यक होता है, उन्हें साधारण बैग में भंडारित किया गया था।

इस गंभीर लापरवाही से इन औषधियों की प्रभावशीलता पूर्णतः समाप्त होने और मरीज़ों के लिए निमंगुणवक्ता औषधि होने की प्रबल आशंका है। अवैध कैंसर दवा कारोबार की कार्यप्रणाली (Modus Operandi)

अवैध आपूर्ति और भुगतान का चैनल आपूर्ति स्रोतः आकाश शर्मा, विश्वास त्यागी को KEYTRUDA, ENHERTU, CACIT 500 और अन्य हाई एमआरपी एंटी-कैंसर औषधियों की बिना बिल की सप्लाई करता था।

भुगतान सीधे आकाश शर्मा के मोबाइल नंबर से जुड़े PK PHARMA AGRA को BLISS PHARMACEUTICALS के माध्यम से UPI ट्रांसफर द्वारा किया जाता था, जो यह दर्शाता है कि अवैध लेनदेन को छिपाने के लिए मेडिकल स्टोर चैनल का किया जा रहा था।

 फर्जी बिलिंग व वितरण नेटवर्क..

अवैध औषधि के क्रेता (Buyers): विश्वास त्यागी इन अवैध औषधि को आगे मुंबई और दिल्ली स्थित पार्टियों (थ्राईव फार्मा, यतनेश फार्मा, और ब्रदर्स फार्मा) को बेचता था एवं बेचने की तैयारी में था।

फर्जी क्रय बिलः विश्वास त्यागी दवाओं की अवैध खरीद को छिपाने के लिए फर्जी क्रय बिल गाजियाबाद और दिल्ली की फर्मों (केयर हुड गाजियाबाद, आरबी इन्टर प्राईजेज चावडी बाजार, और नोविटा फार्मा ओखला दिल्ली) से प्राप्त करता था।

फर्जी विक्रय बिलः वह इन फर्जी क्रय बिलों के आधार पर, अपनी फर्म ‘द मैडिसन हब’ के नाम से उपरोक्त खरीदारों (थ्राईव फार्मा, यतनेश फार्मा, ब्रदर्स फार्मा) को फर्जी विक्रय बिल काटता था और भारी मुनाफा कमाता था।

 डिजिटल साक्ष्य..

डिजिटल प्रमाणः मौके पर बरामद विश्वास त्यागी और आकाश शर्मा के मोबाइल फोन की व्हाट्सएप चैट और लैपटॉप से संग्रहित फर्जी क्रय-विक्रय बिलों ने इस बात की पुष्टि की कि वे दोनों अवैध कारोबार में लिप्त थे और फर्जी बिलों के माध्यम से सदोष लाभ (Undue Profit) कमा रहे थे।

पूर्व आपराधिक इतिहास (Spurious Drugs)

मुख्य अभियुक्त विश्वास त्यागी का आपराधिक रिकॉर्ड दर्ज है। वर्ष 2023 में औषधि निरीक्षक गाजियाबाद द्वारा पूर्व में भी उसे एंटी कैंसर इन्जेक्शन Encicarp एवं

Orofer की नकली (Spurious) औषधियों के कारोबार में लिप्त पाए जाने पर उसके विरुद्ध सक्षम न्यायालय, गाज़ियाबाद में मुकदमा दायर किया गया था। यह तथ्य उसके लगातार आपराधिक प्रवृत्ति को दर्शाता है।

बरामद औषधियों (GEFTIB, CACIT 500, और ENHERTU) के नमूने औषधि निरीक्षकों द्वारा जाँच और विश्लेषण हेतु सीलबंद कर प्रयोगशाला भेजे गए हैं।

अभियुक्त 1 विश्वास त्यागी (गाजियाबाद निवासी, मुख्य सरगना, पूर्व में नकली दवा कारोबार में लिप्त) 2. आकाश शर्मा (आगरा निवासी, अवैध दवा सप्लायर) 3. प्रींस त्यागी (गाजियाबाद निवासी, सहयोगी)

गिरफ्तार अभियुक्तों व अन्ये वांछित व्यक्ति / फ़र्मों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (BNS) की सुसंगत धाराओं के तहत थाना सिहानी गेट, गाज़ियाबाद में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

प्रकरण में औषधि निरीक्षक गाज़ियाबाद द्वारा औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम 1940 एवं औषधि नियंवली के नियम 104 (A), के प्रावधनुसार, अग्रिम विधिक कार्यवाही की जाएगी।

“प्रदेश भर में औषधियों की अवैध रूप में आवाजाही, भंडारण, क्रय व विक्रय पर सघन निगरानी राखी जा रही है, अनियमितता पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी ।

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