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 राजीव गांधी की 81वीं जयंती मनाने की तैयारी में जुटे पार्टी कार्यकर्ता 

सद्भावना दिवस पर विविध कार्यक्रमों का होगा आयोजन

 

गंगेश पाठक

अमेठी। लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 81वीं जयंती पर सद्भावना दिवस मनाने की तैयारी शुरू हो गई। सोमवार को अमेठी संसदीय क्षेत्र में कांग्रेसजन सद्भावना दिवस के रूप में श्रद्धा, सेवा और उत्साह के साथ मनाने की तैयारी में जुटे हैं। इस अवसर पर जिलेभर में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

मुख्य कार्यक्रम की शुरुआत अमेठी जिला मुख्यालय के ग्राम सभा सैंठा के सैंठा बाजार से लेकर गौरीगंज सब्जी मंडी तक साइकिल दौड़ प्रतियोगिता से होगी। यह प्रतियोगिता लगातार 27वीं बार आयोजित हो रही है।

जिला कांग्रेस प्रवक्ता एवं कार्यक्रम संयोजक अनिल सिंह ने बताया कि इस साइकिल रैली में बड़ी संख्या में युवा एवं छात्र-छात्राएँ भाग लेंगे। इसका उद्देश्य स्व. राजीव गांधी जी के विचारों—युवाशक्ति, शिक्षा, विज्ञान और ग्रामीण विकास—को आमजन तक पहुँचाना है।

इसी क्रम में जिला उपाध्यक्ष एवं छात्र संगठन प्रभारी अनुराग सिंह द्वारा जिला पुस्तकालय एवं वाचनालय में विशेष सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया जाएगा। समारोह में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों, शिक्षकों, समाजसेवियों एवं सांस्कृतिक क्षेत्र की प्रतिभाओं को जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंघल सम्मानित करेंगे।

साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी, पंचायती राज, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण में राजीव गांधी के योगदान पर परिचर्चा भी होगी।

इसके अलावा शाहगढ के रामगंज कौहार में सुभाष मिश्र के संयोजन में निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाएगा, जिसमें ग्रामीणों को निःशुल्क उपचार की सुविधा दी जाएगी।

जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने कहा कि “राजीव गांधी का जीवन देश की एकता, अखंडता और सद्भावना के लिए समर्पित रहा। उनकी दूरदृष्टि ने भारत को सूचना क्रांति और 21वीं सदी की मजबूत नींव दी। यही कारण है कि उनका जन्मदिन हर वर्ष सद्भावना दिवस के रूप में पूरे जिले में मनाया जाता है।

भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी ने देश को आधुनिकता और तकनीकी विकास की दिशा दी। उनके कार्यकाल में सूचना प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर क्रांति की शुरुआत हुई, जिससे भारत ने विश्व में नई पहचान बनाई।

उन्होंने पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाया और युवाओं को 18 वर्ष की आयु में मताधिकार दिलाया। शिक्षा, विज्ञान, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने में उनका योगदान ऐतिहासिक माना जाता है।

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