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महानिदेशक ने जागरूकता वाहन को दिखाई हरी झंडी

18 तक चलेगा जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा 

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। परिवार नियोजन के लिए जनजागरूकता पखवाड़ा की शुरुआत की गयी।

शुक्रवार को विश्व जनसँख्या दिवस पर सीएचसी सिल्वर जुबली में डॉ. दिनेश कुमार महानिदेशक परिवार कल्याण द्वारा “सारथी वाहन” जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। साथ ही उन्होंने जनसँख्या स्थिरता पखवारे का शुभारम्भ किया।महानिदेशक ने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में परिवार नियोजन अहम है। यह केवल परिवार सीमित रखने तक नहीं है बल्कि महिला व बच्चे के स्वास्थ्य और पोषण तथा पूरे परिवार के भविष्य की नींव है।

सरकार का लगातार प्रयास है कि सही जानकारी सही सेवाएं योग्य दम्पत्ति तक पहुंचें। इसके लिए गांवों में आशा, आयुष्मान आरोग्य मंदिर, सीएचसी, जिला अस्पताल और उच्च स्तरीय अस्पतालों में सेवाएं देना सुनिश्चित किया जा रहा है। यह व्यवस्था है कि योग्य दंपत्ति अपनी इच्छा के अनुसार परिवार नियोजन के साधनों का चुनाव करें। वहीं

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनबी सिंह ने कहा कि जनसँख्या स्थिरता पखवारा 18 जूलाई तक चलेगा। इस पखवारे की थीम “माँ बनने की उम्र वही, जब तन और मन की तैयारी सही”। पखवारे में विभिन्न जनजागरूकता गतिविधियों के माध्यम से समुदाय को परिवार नियोजन के कार्यक्रम और साधनों के प्रति जागरूक किया जायेगा।

इसी उद्देश्य के साथ सारथी वाहन रवाना किया गया है, जो कि विभिन्न क्षेत्रों में जाकर परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जन समुदाय को जागरूक करेंगे। उन्होंने बताया कि इसमें परिवार नियोजन के बारे में जानकारी चस्पा होने के साथ ऑडियो सन्देश भी हैं।

इसके अलावा सास-बेटा-बहू सम्मलेन का आयोजन कर परिवार नियोजन में तीनों की भूमिका के महत्व को सुनिश्चित किया जायेगा। इस दौरान नियत सेवा दिवस के माध्यम से महिला एवं पुरुष नसबंदी की सेवाएं मुहैया करायी जाएँगी।

इस मौके पर लाभार्थियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से परिवार पूरा होने के बाद स्थायी साधन अपनाने वाले तथा दो बच्चों के बीच अंतराल रखने वाले पांच दंपत्तियों में सविता-शिवराज, प्रीति, दीपक, सुमित्रा,अरविंद गोस्वामी, तैय्यबा,सलमान और निर्मला,सुरेन्द्र को पुरस्कृत किया गया।

इस अवसर पर डॉ. अश्वनी कुमार, संयुक्त निदेशक एवं राज्य नोडल अधिकारी पीसी पीएनडीटी,परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल डॉ. बीएन यादव, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमएच सिद्दीकी, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, सीएचसी अधीक्षक डॉ. प्रियंका यादव,

जिला कार्यक्रम प्रबन्धक सतीश यादव, जिला समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक विष्णु प्रताप, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी गंगा यादव, सीएचसी का स्टाफ , आशा कार्यकर्ता, केजीएमयू के नर्सिंग के विद्यार्थी तथा सहयोगी संस्था ममता हेल्थ इंस्टीट्यूट ऑफ मदर एंड चाइल्ड के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

 सभी शहरी एवं ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जागरूकता कार्यक्रमों में..

बास्केट ऑफ़ च्वाईज,बास्केट ऑफ़ च्वाईज में परिवार नियोजन के आधुनिक अस्थायी और स्थाई साधन होते हैं। अस्थायी साधनों में कॉपर टी,प्रसव पश्चात इंट्रा यूट्रा कॉण्ट्रासेप्टिव डिवाइस (पीपीआईयूसीडी),

गर्भपात पश्चात इंट्रा यूट्रा कॉण्ट्रासेप्टिव डिवाइस(पीएआईयूसीडी),त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा,साप्ताहिक नॉन हार्मोनल साप्ताहिक मौखिक गर्भनिरोधक गोली छाया,माला एन,आकस्मिक गर्भनिरोधक गोली,कंडोम और स्थायी साधन पुरुष एवं महिला नसबंदी बताया गया।

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