आरएमएल ने बेहतरीन चिकित्सा संस्थानों में नाम किया दर्ज -योगी आदित्यनाथ
आरएमएल का मना पांचवां स्थापना दिवस

ब्रजेश पाठक, मयंकेश्वर शरण सिंह, पार्थ सारथी सेन शर्मा, प्रोफेसर सीएम सिंह रहे मौजूद
लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। बेहतरीन चिकित्सा संस्थान के रूप में नाम दर्ज करे और 20 बेड से 1375 बेड का अस्पताल जो स्टेट ऑफ आर्ट में नाम दर्ज करने के लिए उत्सुक दिखे।
यह अवसर बिरले ही देखने को मिलते हैं। चिकित्सा विज्ञान में तकनीकी उत्कृष्टता के साथ-साथ रोगियों के प्रति संवेदना और सहानुभूति भी अत्यंत आवश्यक है।
यह बातें शनिवार को डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के पांचवें स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सम्बोधन में बधाई देते हुए कही। उन्होंने कहा सही उपचार तभी सफल होता है,जब डॉक्टर रोगी को यह विश्वास दिलाते हैं कि वह अवश्य स्वस्थ होगा।
मरीज में आत्मविश्वास जगाना उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कि दवा और उपचार का है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का संकल्प है कि परिधीय अस्पतालों और नए मेडिकल कॉलेजों को सशक्त बनाया जाए ताकि गाँव-गाँव और कस्बों तक उच्चस्तरीय इलाज पहुँच सके।
उन्होंने याद दिलाया कि योजना, अनुसंधान और समर्पण से प्रदेश ने इन्सेफेलाइटिस (दिमागी बुखार) जैसी बीमारी को नियंत्रित किया और हजारों परिवारों के चेहरे पर मुस्कान लौटाई। साथ ही
मुख्यमंत्री ने संस्थान में स्थापित गामा नाइफ तकनीक की भी प्रशंसा की और कहा कि यह प्रदेश के न्यूरो रोगियों के लिए एक बड़ी सौगात है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें अनुसंधान और रोग-निवारण पर ध्यान देना चाहिए तथा तकनीकी संस्थानों के साथ एमओयू कर चिकित्सा उपकरण और डिवाइस विकसित करने चाहिए।
जिससे उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य नवाचार के नए अवसर बनेंगे। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह तथा प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा संस्थान निदेशक प्रो सी एम सिंह सहित संकाय सदस्य, अधिकारी, छात्र-छात्राएँ एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने संस्थान द्वारा शुरू किए गए स्टेमी केयर कार्यक्रम की विशेष सराहना की। उन्होंने कहा कि यह पहल हृदयाघात (हार्ट अटैक) रोगियों की समय पर जान बचाने में एक मॉडल प्रोग्राम बनकर उभर रही है।
इसी क्रम में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि
“रोगियों और उनके परिजनों का डॉक्टरों और संस्थान परिवार पर गहरा विश्वास है। यही विश्वास संस्थान की सबसे बड़ी शक्ति है, जिसे सेवा और समर्पण से और मज़बूत करना है। मंत्री मयंकश्वर शरण सिंह ने आह्वान किया कि संस्थान को एनआईआरएफ रैंकिंग प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए ताकि यह देश के श्रेष्ठ चिकित्सा संस्थानों में शामिल हो सके।
जानें संस्थान की प्रमुख उपलब्धियाँ..
इस अवसर पर संस्थान ने अपनी हाल की उपलब्धियाँ प्रस्तुत कीं हृदय सेतु स्टेमी केयर उप्र कार्यक्रम के अंतर्गत तीव्र हृदयाघात रोगियों को समय पर उपचार, नवीनतम डायग्नोस्टिक व चिकित्सीय उपकरणों की स्थापना, निवारक कार्डियोलॉजी अनुसंधान में प्रोटोकॉल विकसित करना तथा जनजागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से जीवनशैली जनित रोगों की रोकथाम।
स्थापना दिवस केवल पाँच वर्षों की यात्रा का उत्सव नहीं है, बल्कि भविष्य की उस दृष्टि का भी उद्घोष है। जिसमें संस्थान को सेवा, सहानुभूति और नवाचार के साथ स्वास्थ्य, शिक्षा और अनुसंधान का आदर्श केन्द्र बनाया जा रहा है।



