उत्तर प्रदेशजीवनशैली

पीजीआई में मना विश्व प्रीमेच्योरिटी दिवस

डॉक्टरों ने छोटे बच्चों के साथ केक काटकर बढ़ाया उत्साह

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। डॉक्टरों छोटे बच्चों के साथ केक काटकर उत्साह बढ़ाया। शनिवार को संजय गाँधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान के नियोनेटोलॉजी विभाग ने एच जी खुराना सभागार में राष्ट्रीय नवजात सप्ताह व विश्व प्रीमैच्योरिटी दिवस मनाया गया। बता दें कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य समय से पहले जन्मे बच्चे से जुड़ी चुनौतियों,देखभाल पर विशेष ध्यान देने के साथ नवजात स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना था । कार्यक्रम के दौरान शिशुओ के माता-पिता, अतिथियों, संकाय सदस्यों, रेजिडेंट्स व कर्मचारियों को एक मंच पर आमंत्रित किया गया।जिसमें सबसे पहले कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन व सरस्वती वंदना के साथ की गई।

वहीं कार्यक्रम में अतिथि के रूप में प्रो. वीके पालीवाल, चिकित्सा अधीक्षक एवं डॉ. प्रभाकर मिश्रा, एडिशनल प्रोफेसर , बायोस्टैटिस्टिक्स व स्वास्थ्य सूचना विज्ञान विभाग उपस्थित रहे।

विभागाध्यक्ष डॉ. कीर्ति नारंजे ने अतिथियों व प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय नवजात सप्ताह और विश्व प्रीमैच्योरिटी दिवस के महत्व के बारे में जानकारी साझा की। साथ ही नवजात शिशुओं को व्यापक देखभाल प्रदान करने में विभाग के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला गया।

डॉ. आकांक्षा ने सामान्य नवजात शिशुओं के देखभाल के बारे में कहा कि भोजन, स्वच्छता, बीमारी के शुरुआती चेतावनी संकेत, समय से पहले जन्मे शिशुओं की विशिष्ट ज़रूरतों जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को बताया। इसी क्रम में

पारस्परिक संवादात्मक प्रश्नोत्तर सत्र में माता-पिता को विशेषज्ञो की राय व मार्गदर्शन किया गया।

कुछ माता-पिता ने अपनी भावनात्मक संस्मरण को साझा करते हुए बच्चे के जन्म की चुनौतियों को याद कर असाधारण देखभाल और सहायता के लिए नियोनेटोलॉजी के चिकित्सको व टीम के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन सीनियर रेजिडेंट्स डॉ. दिशा एवं डॉ. साक्षी द्वारा किया और संकाय सदस्यों में डॉ. अनीता सिंह, डॉ. सुशील कुमार,डॉ. अभिषेक पॉल के साथ-साथ रेजिडेंट्स व कर्मचारियों ने भी कार्यक्रम के सफलतापूर्वक आयोजन में शामिल रहे। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय नवजात सप्ताह और विश्व प्रीमैच्योरिटी दिवस के संयुक्त आयोजन ने परिवारों के साथ सम्बन्ध को मजबूत करने और उनके छोटे बच्चों की यात्राओं का जश्न मनाने के साथ-साथ नवजात स्वास्थ्य और प्रीमेच्योरिटी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए किया गया।

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