बारिश में मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम में बरतें सावधानी -डॉ गोपीलाल
घरों में साफ सफाई के साथ पानी जमा होने से रोके

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। बारिश के मौसम में मच्छर जनित बीमारियां बढ़ने की अधिक आशंका होती है। बारिश में जल जमाव होने से मच्छर जनित बीमारियां अपने पैर पसारने लगती हैं। इसमें सावधानी बरतना अति आवश्यक हो जाता है।
यह जानकारी मंगलवार को एसीएमओ वेक्टर बोर्न डिजीज नोडल अधिकारी डॉ.गोपी लाल ने साक्षात्कार के दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में दी। उन्होंने बताया कि बारिश में जल जमाव होने से मच्छर जनित बीमारियों में डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया जैसी बीमारियां होने की संभावना अधिक बढ़ जाती। डेंगू मच्छर साफ और रुके हुए पानी में अंडे देता है, जिससे लार्वा बनता है, उसके बाद प्यूपा फिर एडल्ट मच्छर बन जाता है जो बीमारी फैलाने में सहायक होता है।
जानें डेंगू बीमारी से बचाव व उपाय..
एसीएमओ ने कहा कि घर के आसपास पानी का जमाव न होने दें। इससे बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें, पूरी बाजू के कपड़े पहने, एंटी मॉसक्विटो क्रीम आंख नांक,मुंह छोड़कर शरीर के खुले भाग पर प्रयोग करें।
इसके अलावा घर के आसपास जल जमाव की स्थिति है तो उसके लिए डीजल या केरोसिन ऑयल का पानी में छिड़काव कर दें। उन्होंने कहा कि डीजल केरोसिन को जमा पानी में डालने से एक लेयर बन जाता है, जिससे मच्छर जनित लार्वा पनपने में रुकावट का कार्य करता है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा यह भी उपाय कर सकते जिसमें लार्वा भच्छी मछली (गंबूजिया) को जमा पानी में छोड़ने पर यह मछली लार्वा को ख़त्म कर मच्छर जनित बीमारियां फैलने से बचाती है। साथ ही 2.5 मिली लीटर टेमोफॉस 10 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव कर रोकथाम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि फागिंग के लिए 1 लीटर मैलाथियान रसायन 9 लीटर डीजल में मिलाकर फागिंग करने से मच्छर जनित बीमारियों को रोकथाम कर सकते हैं, वैसे भी स्वास्थ्य विभाग संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर जल भराव वाले क्षेत्रों में समय-समय पर छिड़काव भी कराने कार्य कर रही है।
ऐसे में जहां पहुंचना संभव नहीं होता, वहां ड्रोन के माध्यम से एंटीलार्वा का छिड़काव कराया जाता है।
जाने मलेरिया के लक्षण..
ठंड के साथ बुखार आना और कपकपी लगना, तेज बुखार आना, शरीर से पसीना छूटना,उसके बाद बुखार सामान्य हो जाना यह मलेरिया के लक्षण हैं।
डेंगू के लक्षण..
शरीर के जोड़, पीठ, पेट मांसपेशियों में दर्द होना, पूरी शरीर में ठंड लगना, थकान बुखार भूख न लगना,जी मिचलाना यानि उल्टी आने का अहसास होना, त्वचा पर चकत्ते लाल धब्बे होना यह डेंगू के लक्षण हो सकते हैं।
ऐसे लक्षण दिखने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर डॉक्टर से परामर्श उपचार लेना चाहिए। इसके लिए सेल्फ मेडिकेशन बिल्कुल ना करें। डॉ. गोपी लाल ने कहा कि गंभीर डेंगू के लक्षण सांकेतिक लक्षण आमतौर पर बुखार उतरने के 24 से 48 घंटे बाद भी दिखाई देते हैं इसके लिए सतर्कता बरतना बहुत आवश्यक होता है।
ऐसे में प्लेटलेट्स डाउन हो जाती हैं और मरीज को कमजोरी महसूस होने लगती है। इसका कारण शरीर के अंदर खून का रिसाव शुरू हो जाता है और मरीज को पेशाब कम लगना, प्लेटलेट्स कम होना बीपी लो होना यह डेंगू के सांकेतिक लक्षण होते हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह एवं जांच जरूरी है।
जानें चिकनगुनिया होने के लक्षण..
मच्छर के काटने पर 3 से 7 दिन भीतर बुखार आता है और अत्यधिक जोड़ों में दर्द होने लगता है। इसमें कमजोरी थकान आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना मांसपेशियां में दर्द होना। यह चिकनगुनिया के लक्षण हो सकते हैं। इसके लिए जरूरी है अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर डॉक्टर से परामर्श उपचार जरूर लें।
बरतें सावधानी..
घर के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें, अपने घरों में फ्रिज कूलर की सफाई हफ्ते में एक बार जरूर करें, छत के ऊपर टूटे-फूटे बर्तन कबाड़ पुराने बर्तन टायर, नारियल के टुकड़े, पुराना मिट्टी का बर्तन आदि में पानी इकट्ठा न होने दें और अपने घर के आस-पास साफ सफाई का विशेष ध्यान दें। जिससे मच्छर जनित बीमारी रोकने में सहायक सिद्ध होगा।



