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प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने को प्राथमिक क्षेत्र अत्यंत महत्वपूर्ण – सुरेश खन्ना

योजनाओं के क्रियान्वयन में जनप्रतिनिधियों की भूमिका सुनिश्चित करने के निर्देश

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। योजनाओं का क्रियान्वयन करने में जनप्रतिनिधि की सहभागिता जरुरी बताई गयी। बुधवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जनपद की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के दौरान

उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री तथा जनपद लखनऊ के प्रभारी मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने निर्देश देते हुए कहा कि लाभार्थी परक योजनाओं के वितरण कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों को अवश्य सम्मिलित किया जाए। वितरण कार्यक्रम में दिए जाने वाले उपकरण का वितरण संबंधित क्षेत्र के विधायकों के माध्यम से कराया जाए।

सभी विभाग योजनाओं की जानकारी तथा योजनाओं का लाभ लेने के लिए आवेदन की प्रक्रिया के बारे में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को अवश्य बताएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए प्राथमिक क्षेत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है।

इसलिए प्राइमरी सेक्टर को बूस्ट करना आवश्यक है। प्रभारी मंत्री कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जनपद की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कुसुम योजना कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण योजनाएं हैं।

कृषि यंत्रों का किसानों को वितरण कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों के माध्यम से वितरित कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना पर ड्रॉप मोर क्राफ्ट के अंतर्गत अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जाए तथा इसमें जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेते हुए आमजन को जानकारी उपलब्ध कराते हुए अधिक से अधिक आवेदन कराकर योजना का लाभ दिया जाए।

मत्स्य संपदा योजना के माध्यम से किसान अधिक लाभ कमा सकते हैं जिसके लिए कृषकों को प्रेरित किया जाए यह योजना प्रदेश की जीएसपी को बढ़ाने में मदद करने वाली साबित हो सकती है।

बैठक में मंत्री द्वारा किसान सम्मान निधि योजना की भी गहन समीक्षा की गई। जिसके संबंध में जिलाधिकारी लखनऊ द्वारा बताया कि मार्च 2025 में 195953 किसानों को मार्च 2025 तक कि धनराशि हस्तांतरित कर दी गई है। साथ ही कृषि विभाग द्वारा कैम्प का आयोजन करते हुए किसानों का पंजीकरण कराया जा रहा है।

लखनऊ जिले में कृषि, पशुपालन, और आर्थिक विकास को गति देने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। ये प्रयास जिले की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने पर केंद्रित हैं।

लखनऊ जिले में कृषि, पशुपालन, और आर्थिक विकास को गति देने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। ये प्रयास जिले की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने पर केंद्रित हैं।

​आर्थिक और प्रशासनिक संरचना ​लखनऊ, जिसका क्षेत्रफल 2528 वर्ग किमी है, एक महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्र के रूप में उभर रहा है। जिले की अनुमानित जनसंख्या 2027 तक 57.07 लाख तक पहुंचने की संभावना है, जो 2011 में 45.89 लाख थी। जिले का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 1,41,613 करोड़ रुपये है, और इसकी वार्षिक विकास दर 14.40% है। प्रशासनिक दृष्टि से, जिले में 5 तहसील और 8 विकास खंड शामिल हैं। ​

 किसानों को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाओं का संचालन..

​प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना इस योजना के तहत किसानों को प्रति वर्ष ₹6000 की वित्तीय सहायता दी जाती है। मार्च 2025 तक, 1,95,953 किसानों को इस योजना का लाभ मिल चुका था। अप्रैल 2025 में यह संख्या बढ़कर 2,15,417 हो गई। ​प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: वर्ष 2024-25 के लिए 2,45,34 किसानों को फसल बीमा से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 2,155,4 किसान पहले ही इस योजना से आच्छादित हो चुके हैं। ​

प्रधानमंत्री कुसुम योजना: यह योजना किसानों को सौर ऊर्जा से संचालित पंप लगाने में सहायता करती है। मार्च 2025 तक 258 सोलर पंप स्थापित किए गए, और अगस्त 2025 तक यह संख्या 358 तक पहुंच गई। ​कृषि की स्थिति: जिले में कुल 1,36,454 किसान हैं (जनगणना 2011 के आधार पर)। कुल कृषि योग्य भूमि 2,52,800 हेक्टेयर है, जिसमें से 1,68,975 हेक्टेयर शुद्ध सिंचित क्षेत्र है। जिले की मुख्य फसलें गेहूं और धान हैं।

​पशुपालन और गौ संरक्षण ​पशुपालन विभाग मवेशियों के संरक्षण और नस्ल सुधार के लिए काम कर रहा है। ​गौ-आश्रय स्थल: लखनऊ में 14 गौ-आश्रय स्थल और 78 अस्थायी गौशालाएं हैं, जिनमें क्रमशः 3940 और 17063 गोवंश को आश्रय मिला हुआ है। इसके अलावा, 10 कांजी हाउस, 3 कान्हा उपवन और 8 नगर पंचायत आश्रय स्थल मिलाकर कुल 32239 गोवंश को आश्रय मिला हुआ है।

​पशुओं का स्वास्थ्य: विभाग द्वारा पशुओं के लिए विभिन्न स्वास्थ्य और टीकाकरण अभियान चलाए जाते हैं, जिसमें कृत्रिम गर्भाधान और नस्ल सुधार पर भी ध्यान दिया जाता है।

​तृतीयक क्षेत्र और अवसर ​लखनऊ को एक प्रमुख सेवा क्षेत्र के केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहाँ आगामी 5 वर्षों में 70,000 से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। शहर को एक डिफेंस कॉरिडोर, एक्सप्रेसवे, लॉजिस्टिक हब, और मेडिकल सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य, शिक्षा और व्यापार के क्षेत्र में बड़े अवसर खुलेंगे।

लखनऊ से बाराबंकी, फैजाबाद, और गोंडा तक बेहतर कनेक्टिविटी पर काम चल रहा है, जिससे व्यापार और परिवहन को बढ़ावा मिलेगा। लखनऊ जिले में विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं और निवेश परियोजनाओं में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जो जिले के समग्र विकास को दर्शाती है। महिला कल्याण विभाग, समाज कल्याण विभाग, और उद्योग जगत के समन्वय से जिले में सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिला है।

​महिला कल्याण योजनाओं में प्रगति

​निराश्रित महिला पेंशन योजना: इस योजना के तहत मार्च 2025 तक 70,112 निराश्रित महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।

​मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना: मार्च 2025 तक 59,811 और अगस्त 2025 तक 68,632 लाभार्थियों को इस योजना का लाभ मिला है, जिससे बालिकाओं को शिक्षा और सशक्तिकरण के अवसर मिल रहे हैं।

​सामाजिक सुरक्षा को मिला बल

​इस योजना के तहत मार्च 2025 तक 1281 और अगस्त 2025 तक 833 आवेदकों को लाभ पहुंचाया गया है। इस योजना का उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को वित्तीय सहायता देना है, जहां परिवार के मुख्य कमाऊ सदस्य की मृत्यु हो गई हो।

​लखनऊ में औद्योगिक निवेश और रोजगार:

​लखनऊ का द्वितीयक क्षेत्र (Secondary Sector) तेजी से बढ़ रहा है। लगभग 5000 करोड़ की लागत से विकसित हो रही आवासीय परियोजनाएं (जैसे गोमती विस्तार और बख्शी का तालाब) शहर को प्रमुख औद्योगिक केंद्र बना रही हैं।

निवेश की स्थिति:

​जनपद में 1132 एमओयू के तहत ₹338421.07 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है, जिसमें से 163 एमओयू क्रियान्वित हो चुके हैं। इसके अलावा, ₹27645.09 करोड़ की धनराशि से 233 जीबीसी तैयार हो चुके हैं। निवेशकों की समस्याओं का त्वरित निवारण जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठकों में किया जाता है।

बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा फ्लाइओवर के नीचे अवैध अतिक्रमण की समस्या के सम्बन्ध में अवगत कराया गया. जिसके सम्बन्ध में अध्यक्ष द्वारा सम्बन्धित विभाग और नगर निगम को निर्देशित किया गया कि दोनों विभाग आपस में समन्वय करते हुए फ्लाइओवर का भ्रमण कर फ्लाइओवर के नीचे की जगह का सौन्दर्यीकरण/पार्किंग की स्थापना हेतु कार्ययोजना बनाना सुनिश्चित करे.

बैठक में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान जनप्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया गया कि CHC faizullaganj में 2 माह से x ray मशीन खराब है. जिसके सम्बन्ध में अध्यक्ष मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया गया कि CHC अधीक्षक का वेतन बाधित करते हुए यथा शीघ्र x ray मशीन सही कराना सुनिश्चित किया जाए.

बैठक में उपस्थित विधायक प्रतिनिधि द्वारा अध्यक्ष को अवगत कराया गया कि ग्राम लतीफ नगर में एक ट्यूबवेल काफी समय से खराब है! जिसके सम्बन्ध में अधिशासी अभियंता ट्यूबवेल द्वारा अवगत कराया गया कि मोटर जलने की वजह से ट्यूबवेल कार्यशील नहीं है जल्द ही सही करा दिया जाएगा।

जिसके सम्बन्ध में अध्यक्ष द्वारा अधिशासी अभियंता ट्यूबवेल को निर्देशित किया गया कि दो दिवस के भीतर समस्या का निस्तारण करते हुए अवगत कराया जाए। उक्त के साथ ही बैठक में अध्यक्ष द्वारा रिबोर होने वाले ट्यूबवेल की जानकारी मांगी गई।

जिसके सम्बन्ध में अधिशासी अभियंता ट्यूबवेल द्वारा बताया गया कि कुल 11 ट्यूबवेल को रीबोर करने के लिए चिन्हित किया गया है। जिसके सम्बन्ध में अध्यक्ष द्वारा निर्देशित किया गया कि कार्ययोजना बना कर रीबोर का कार्य पूर्ण करना सुनिश्चित किया जाए ।

बैठक में बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान नगर निगम एरिया के प्राथमिक विद्यालयों में पर्याप्त सफाई व्यवस्था न होने के सम्बन्ध में अवगत कराया गया. जिसके सम्बन्ध में अध्यक्ष द्वारा नगर निगम को समस्त प्राथमिक विद्यालयों में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए। जिसके सम्बन्ध में अपर नगर आयुक्त द्वारा बताया गया कि प्रत्येक वार्ड में एक एक सफाई कर्मी की तैनाती कर दी गई है।

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