एनबीआरआई में टेक्नोलॉजी साइंस का होगा महाकुंभ
दो दिवसीय सीएसआईआर स्टार्टअप कॉन्क्लेव का आयोजन

राजधानी की चार प्रमुख प्रयोगशालाएं स्टार्टअप को देगी नई उड़ान
लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी स्थित एनबीआरआई में दो दिवसीय सीएसआईआर स्टार्टअप कॉन्क्लेव का आयोजन होने जा रहा है। जिसमें राजधानी की चार प्रमुख प्रयोगशालाओ की सहभागिता से स्टार्टअप कॉन्क्लेव किया जा रहा है।
यह जानकारी गुरुवार को एनबीआरआई स्थित सभागार में निदेशक डॉ.एके शासनी ने प्रेसवार्ता में दी। उन्होंने बताया कि सीएसआईआर स्टार्टअप कॉन्क्लेव का आयोजन चार प्रमुख प्रयोगशालाएँ राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान,केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान,भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान और केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पादप संस्थान के संयुक्त रूप से 14-15 सितंबर को एनबीआरआई में सीएसआईआर स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन किया जा रहा हैं।
डॉ शासनी ने बताया कि यह कॉन्क्लेव “अनुसंधान एवं विकास को स्टार्ट-अप में बदलना उद्योगों और समाज के लिए कृषि, पर्यावरण एवं स्वास्थ्य के लिए नवाचार” विषय पर केंद्रित है। बताते चले
लखनऊ में आयोजित सीएसआईआर स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव 2025, जम्मू, हैदराबाद और मुंबई में पहले आयोजित सफल आयोजनों के बाद, इस तरह की पहल की श्रृंखला में चौथा है। जिसमें केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और सीएसआईआर के उपाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में किया जा रहा है।
जिसका उद्देश्य सीएसआईआर प्रौद्योगिकियों के इर्द-गिर्द स्टार्ट-अप संस्कृति को बढ़ावा देना, नवप्रवर्तकों को उद्योग जगत से जोड़ना और देश भर के उद्यमियों के लिए नए अवसर पैदा करना शामिल है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, (अध्यक्ष सीएसआईआर), के दृष्टिकोण के अनुरूप, भारत नवाचार और उद्यमिता का वैश्विक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। सीएसआईआर स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव स्वदेशी तकनीकों को बढ़ावा देकर, स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देकर और विज्ञान, उद्योग और समाज के बीच मज़बूत संबंध बनाकर श्रृंखला को आगे बढ़ाना है।
इससे देश की आत्मनिर्भरता को मज़बूत करना, प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने और देश भर के युवाओं और उद्यमियों के लिए स्थायी अवसर पैदा करने की उम्मीद है।
यह सम्मेलन भारत के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करने के लिए वैज्ञानिकों, नवप्रवर्तकों, उद्योग जगत के दिग्गजों, उद्यमियों, निवेशकों और नीति निर्माताओं को एक साझा मंच पर लाएगा। यह प्रौद्योगिकी-आधारित उद्यमिता को बढ़ावा देने, उद्योग-अनुसंधान साझेदारी को आगे बढ़ाने और 2047 तक विकसित भारत के विज़न को साकार करने में उत्प्रेरक का काम करेगा। निदेशक ने बताया कि
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व में, राज्य स्वयं को नवाचार-संचालित विकास के एक फलते-फूलते केंद्र के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य रखता है। सीएसआईआर स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव से अनुसंधान संस्थानों, उद्योग और उद्यमियों के बीच सहयोग को मज़बूत करके, प्रौद्योगिकी-आधारित स्टार्ट-अप को बढ़ावा देकर, आर्थिक विकास को गति देकर और उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए रोज़गार और अवसरों के नए अवसर पैदा करके इस दृष्टिकोण को गति मिलने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि 14 सितंबर को सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह के उपस्थित रहने की उम्मीद है। डॉ. एन कलैसेल्वी , महानिदेशक, सीएसआईआर और सचिव, डीएसआईआर, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार भी इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगी ।
जानें कॉन्क्लेव की मुख्य विशेषताएं..
उद्योग जगत के भागीदारों के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौतों पर हस्ताक्षर । सीएसआईआर प्रयोगशालाओं द्वारा विकसित नए उत्पादों और प्रौद्योगिकियों का शुभारंभ । उद्योग, शिक्षा जगत और स्टार्ट-अप के साथ समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान ।
कृषि-पोषक जैव प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में सीएसआईआर लखनऊ प्रयोगशालाओं द्वारा किए गए नवाचारों का प्रदर्शन
यह पहल भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों जैसे स्टार्ट-अप इंडिया, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के साथ निकटता से जुड़ी हुई है , जो समावेशी और सतत विकास के लिए देश की प्रतिबद्धता को मजबूत करती है।
सीएसआईआर अरोमा और फ्लोरीकल्चर मिशन के तहत बनाए गए देश के विभिन्न समूहों से 200 से अधिक किसानों,लाभार्थियों एवं सीएसआईआर प्रौद्योगिकियों से विकसित,स्थापित 50 से अधिक स्टार्टअप/उद्यमियों द्वारा अपने उत्पादों का प्रदर्शन किए जाने की उम्मीद है।
सीएसआईआर-एनबीआरआई के निदेशक डॉ. एके शासनी ने कहा कि “सीएसआईआर-एनबीआरआई पादप-आधारित नवाचारों और हरित प्रौद्योगिकियों को उद्यमशील उपक्रमों में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है। इस सम्मेलन के माध्यम से, हमारा उद्देश्य फूलों की खेती, हर्बल उत्पादों और सतत कृषि में स्टार्ट-अप्स को सशक्त बनाना है।
जिससे एक हरित अर्थव्यवस्था और आजीविका सृजन में योगदान मिल सके। प्रेस वार्ता के दौरान वर्चुअली सीडीआरआई की निदेशक डॉ. राधा रंगराजन ने कहा सीएसआईआर-सीडीआरआई, औषधि खोज और विकास में अपने अग्रणी कार्य के साथ, बायो-फार्मा स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए तत्पर है।
यह सम्मेलन युवा उद्यमियों को प्रयोगशाला-स्तरीय नवाचारों को बाज़ार में लाने और समाज की स्वास्थ्य सेवा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक सक्षम मंच प्रदान करेगा।
साथ ही वर्चुअल आईआईटीआर के निदेशक डॉ. भास्कर नारायण ने कहा, “सीएसआईआर-आईआईटीआर पर्यावरण सुरक्षा, विष विज्ञान और सतत प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित है। इस सम्मेलन में, हम उन स्टार्ट-अप्स को समर्थन देने की कल्पना करते हैं जो एक सुरक्षित कल के लिए स्वच्छ प्रौद्योगिकियां, पर्यावरण निगरानी समाधान और जन स्वास्थ्य नवाचार प्रदान करते हैं।
इसी क्रम में सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया सीएसआईआर-सीआईएमएपी औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए औषधीय और सुगंधित पौधों की क्षमता का दोहन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह सम्मेलन हमारी तकनीकों को स्वास्थ्य, आवश्यक तेलों और ग्रामीण उद्यमिता पर काम करने वाले स्टार्ट-अप्स तक पहुँचाने में मदद करेगा, जिससे किसानों और उद्योग दोनों को लाभ पहुँचाने वाली मूल्य श्रृंखलाएँ निर्मित होंगी।
लखनऊ की आयोजनकर्ता सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के बारे में एनबीआरआई (राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान) पादप विज्ञान, जैव विविधता, पुष्पकृषि और जैवप्रौद्योगिकी में अग्रणी अनुसंधान, साथ ही टिकाऊ कृषि और हरित प्रौद्योगिकियों में योगदान।
सीडीआरआई (केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान): औषधि खोज और विकास में एक प्रमुख संस्थान, जो किफायती स्वास्थ्य देखभाल समाधान और सफल औषधियां तैयार करने की दिशा में कार्य करता है।आईआईटीआर (भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान): स्वच्छ वायु, सुरक्षित जल और रासायनिक सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकियों के माध्यम से पर्यावरण और व्यावसायिक स्वास्थ्य को आगे बढ़ाना।
सीआईएमएपी (केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान): औषधीय एवं सगंध पौधों पर अनुसंधान, किसानों की आय में वृद्धि तथा आवश्यक तेलों एवं हर्बल उद्योग को समर्थन देने में विश्व में अग्रणी।



