उत्तर प्रदेश

आरएमएल में कुपोषित बच्चों के लिए राज्य स्तरीय प्रशिक्षण

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए दिए सुझाव 

 

 लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। बच्चों को कुपोषण से निजात दिलाने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया। बुधवार को

डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के बाल रोग विभाग में गंभीर कुपोषण से ग्रसित बच्चों की चिकित्सीय प्रबंधन के लिए राज्य स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। बता दें कि इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण में बच्चों में गंभीर कुपोषण के प्रबंधन के लिए 25 से 27 नवंबर तक संस्थान में जिसका संचालन डॉ शीतांशु श्रीवास्तव, नोडल एनआरसी यूनिस से डॉ शुभा रावत एवं डॉ विपिन मेडिकल ऑफिसर द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। जिसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों के पोषण पुनर्वास केंद्रों व चिकित्सा अधिकारियों,स्टाफ नर्सों को प्रशिक्षित किया गया। वहीं प्रशिक्षण का उद्घाटन डॉ. रतन पाल सिंह सुमन महानिदेशक परिवार कल्याण के द्वारा किया गया। महानिदेशक ने ज़ोर देते हुए कहा की गंभीर कुपोषण से जूझ रहे बच्चों की देखभाल के लिए कुशल और प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की आवश्यकता है। डॉ सूर्यांशु ओझा ने कहा इस तरह की ट्रेनिंग के बहुत आवश्यक है। डॉ. एके रावत, वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, तथा पूर्व प्रोफेसर और बाल रोग विभागाध्यक्ष कलावती सारण बाल अस्पताल नई दिल्ली एवं डॉ. रविश शर्मा, पोषण अधिकारी, यूनिसेफ के द्वारा सैम प्रबंधन के तकनीकी पहलुओं, आधुनिक प्रोटोकॉल,समग्र देखभाल के तरीकों पर प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया।

प्रशिक्षण के दौरान, डॉ. एके रावत ने अपने अनुभव को साझा करते हुए प्रतिभागियों को सैम प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों को हम किस प्रकार अपने व्यावहार एवं अभिनव तकनीकों का उपयोग कर प्रबंधन कर सकते हैं। उन्होंने सैम की पहचान और अवलोकन को सरल और प्रभावी बनाने के लिए नई तकनीकों का सुझाव दिया, जो न केवल एनआरसी में बल्कि सामुदायिक स्तर पर भी उपयोगी सिद्ध होती है।

प्रशिक्षण के दौरान शामिल प्रमुख विषयों में सैम की पहचान, वर्गीकरण और प्रबंधन के नवीनतम प्रोटोकॉल,पोषण पुनर्वास केंद्र में गुणवत्तापूर्ण सेवाओं का प्रावधान और 0-6 माह एवं 6-59 माह के बच्चों में गंभीर कुपोषण के प्रबंधन के लिए प्रक्रिया एवं चरण,जटिल और गैर-जटिल कुपोषण प्रबंधन के दृष्टिकोण,माता-पिता और देखभालकर्ताओं के साथ प्रभावी परामर्श और सामुदायिक भागीदारी। NRC में डेटा प्रबंधन और रिपोर्टिंग। कुपोषित बच्चों के लिए सूक्ष्म पोषक तत्व पूरकता और चिकित्सीय आहार का सही उपयोग के बारे में बताया गया। इसके पश्चात्

प्रतिभागियों को सफल प्रशिक्षण के उपरांत प्रमाण पत्र प्रदान किया गया तथा यह अपेक्षित किया गया की प्रतिभागी अब अपने-अपने पोषण पुनर्वास केंद्रों पर गंभीर कुपोषण से ग्रस्त बच्चों के लिए मानकीकृत और प्रभावी सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होंगे।

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