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बच्चों को पेट से कीड़े निकालने वाली खिलाई जाएगी दवा

 11 अगस्त से होगी राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की शुरुआत

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। पेट से कीड़े निकालने वाली दवा खिलाने की तैयारी पूरी हो गयी है। 11अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन में 1 से 19 साल की आयु के बच्चों को पेट से कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी। सोमवार को ज़ूम के माध्यम से जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों का ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम किया गया। वहीं

बैठक की अध्यक्षता करते मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनबी सिंह ने कहा कि सभी की जिम्मेदारी है कि इस दिवस को सफल बनाएं क्योंकि एनीमिया का एक कारण पेट में कीड़े होना है जो की कुपोषण का एक रूप है। पेट में कीड़े होने से बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास पर नकारात्म्क प्रभाव पड़ता है। शारीरिक वृद्धि तो प्रभावित होती ही हैं साथ में बच्चा ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है।

कार्यक्रम के नोडल और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने प्रशिक्षण में बताया कि पेट से कीड़े निकालने की दवा एक से 19 साल तक की आयु के बच्चों को खिलानी है।

साल में दो बार पेट से कीड़े निकालने की दवा एल्बेन्डाजोल खिलाई जाती है। फरवरी में सर्वजन दवा सेवन(आईडीए) अभियान के दौरान और अगस्त में एक से दो साल की आयु के बच्चों को एल्बेंडाजोल की आधी गोली और दो से तीन साल की आयु के बच्चों को एक गोली चूरा बना कर खिलाई जायेगी।

तीन से 19 साल की आयु के बच्चों को एक गोली खिलाई जायेगी। गोली दांत से चबाकर ही खिलाना सुनिश्चित कराना है। दवा खिलाने से पहले ही अभिभावकों को इस बात की सूचना दे दें कि 11 अगस्त को दवा खिलाई जाएगी इसलिए बच्चों को नाश्ता कराकर ही स्कूल भेजें।

जहाँ पर मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था है वहां पर बच्चों द्वारा भोजन करने के बाद ही दवा खिलाएं। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर यह सुनिश्चित करने के बाद ही बच्चों को दवा का सेवन करायें कि वह खाली पेट नहीं हैं।

दवा आंगनबाड़ी केंद्रों, सरकारी,सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों के माध्यम से खिलाई जाएगी।

दवा खाने के बाद किन्हीं बच्चों में दवा के प्रतिकूल प्रभाव उल्टी, जी मिचलाना चक्कर आना पेट में दर्द आदि देखने को मिलते हैं। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। इसका मतलब होता कि पेट में कीड़ों की संख्या अधिक है और उन्हीं के मरने से यह प्रतिकूल प्रभाव दिखाई देते हैं।

ऐसा होने पर बच्चे को लिटा दें थोड़ी देर में यह प्रतिकूल प्रभाव खत्म हो जायेंगे। ऐसे प्रतिकूल प्रभाव के प्रबन्धन के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम ब्लाक और जिले पर तैनात रहे।

जो बच्चे किन्हीं कारणों से 11 अगस्त को दवा खाने से वंचित रह जायेंगे उन्हें 14 अगस्त को मॉप अप राउंड का आयोजन कर दवा खिलाई जाएगी।

दवा आंगनबाड़ी केंद्रों, सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों के माध्यम से खिलाई जाएगी।

इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एमएच सिद्दीकी, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, डीसीपीएम विष्णु प्रताप, डीईआईसी मैनेजर डा. गौरव सक्सेना, सभी सीएचसी के

अधीक्षक, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, बीपीएम, बीसीपीएम, सभी ब्लाक से आरबीएसके की टीम से एक चिकित्सक, शिक्षा विभाग, आईसीडीएस एवं पंचायती राज विभाग के हर ब्लाक के प्रतिनिधि, नेहरु युवा केंद्र एवं स्वयंसेवी संस्था एविडेंस एक्शन के प्रतिनधि जुड़े रहे।

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