उत्तर प्रदेशजीवनशैली

फाइलेरिया संक्रामक,लाइलाज बीमारी -डॉ.एनबी सिंह 

विधायक ने फाइलेरिया रोधी दवा खाकर, अभियान का किया शुभारंभ

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। फाइलेरिया मुक्त बनाने के लिए अभियान का आगाज किया गया। सोमवार को राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सर्वजन अभियान का शुभारंभ गोसाईगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर क्षेत्रीय विधायक अमरेश कुमार रावत ने स्वयं फाइलेरिया रोधी दवा खाकर किया। क्षेत्रीय विधायक ने कहा कि सरकार ने साल 2027 तक फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। जिसके लिए सभी को अथक प्रयास करने हैं। लखनऊ में केवल गोसाईगंज ब्लॉक में यह अभियान चल रहा है। हम सभी को प्रयास करना चाहिए कि इसी राउंड में लक्षित सभी लाभार्थी फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कर लें जिससे कि फाइलेरिया का संक्रमण न फैले। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनबी सिंह ने कहा कि फाइलेरिया संक्रामक और लाइलाज बीमारी है । यदि कोई भी व्यक्ति फाइलेरियारोधी दवा के सेवन से वंचित रह जाता है तो वह फाइलेरिया का संक्रमण फैला सकता है। फाइलेरिया के मच्छर के काटने के बाद इसके लक्षण दिखने में पांच से 15 साल लग जाते हैं। तब तक व्यक्ति को पता ही नहीं चलता है और वह स्वस्थ व्यक्तियों को संक्रमित करता रहता है । इसलिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता सभी लाभार्थियों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाना सुनिश्चित करें । किसी को भी फाइलेरिया रोधी दवा बाद में खाने को न दें । वहीं राष्ट्रीय वेक्टर रोग जनित नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ.गोपीलाल ने कहा कि दवा सेवन के लिए जो टीम बनाई गई है,उसमें एक महिला और एक पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं । यदि कोई लाभार्थी फाइलेरिया रोधी दवा के सेवन से वंचित रह जाता है उसके घर में रात में जाकर पुरुष स्वास्थ्य कार्यरत दवा का सेवन कराएंगे । इसके साथ ही आशा कार्यकर्ता के घर को डिपो बनाया गया है जो कोई फाइलेरिया रोधी दवा के सेवन से वंचित रह जाता है। वह आशा कार्यकर्ता के घर जाकर फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कर सकता है । इसी क्रम में जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. रितु श्रीवास्तव ने बताया कि ब्लॉक की 2.73 लाख की लक्षित जनसंख्या को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जाएगी । दवा दो साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर बीमारी से पीड़ित को छोड़कर सभी को खानी है । फाइलेरिया रोधी दवा सेवन के बाद यदि किसी को चक्कर आने, उल्टी, चक्कर आदि लक्षण दिखाई देते हैं तो इसका तात्पर्य है कि उस शरीर में फाइलेरिया के परजीवी थे और उनके मरने के परिणामस्वरूप यह प्रतिक्रिया हुई है। यह प्रतिकूल प्रभाव अपने आप ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन किसी भी समस्या से निपटने के लिए ब्लॉक पर रैपिड रिस्पॉन्स टीम (आरआरटी) बनाई गई है ।इस मौके पर उपस्थित सभी लोगों ने फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन किया। इस मौके पर सी एच सी अधीक्षक डॉ. (मेजर) सुरेश पांडे स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी लक्ष्मी नारायण यादव, मलेरिया निरीक्षक, सहयोगी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के प्रतिनिधि, सीएचसी के अधिकारी और कर्मचारी, बड़ी संख्या में आम जन मौजूद रहे । इसके अलावा जिला कारागार, लाला महादेवी बालिका कॉलेज, टीडीएल शारदा ग्रुप ऑफ कॉलेज और विभिन्न गांवों जैसे मोहारी कला,कासिमपुर बिरुहा आदि गांवों में पेशेंट स्टेकहोल्डर प्लेटफॉर्म के सदस्य व ग्राम प्रधानों, कोटेदार तथा अन्य जनप्रतिनिधियों ने फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कर अभियान का शुभारंभ किया और समुदाय से फ़ाइलेरियारोधी दवा का सेवन करने की अपील की।

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