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केजीएमयू के वरिष्ठ प्रशासनिक सहायक कर्मचारी को मिली जान से मारने की धमकी 

कुलसचिव को पत्र जारी कर लगाई मदद की गुहार

 

 लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। कर्मचारी को नियमावली के तहत कार्य करना भारी पड़ गया और दबंग कैंटीन संचालक ने गाली गलौच करते हुए जान से मारने की धमकी दे डाली । मामला केजीएमयू के न्यू चक्रवर्ती छात्रावास मेस-2 के प्रभारी वरिष्ठ प्रशासनिक सहायक संजीव कुमार पांडेय का है।

शनिवार को अपनी जान माल की रक्षा के लिए संस्थान कुलसचिव को पत्र जारी करते हुए मदद की गुहार लगाई है। जिसमें बीते दिनों संजीव कुमार पाण्डेय द्वारा न्यू चक्रवर्ती मेस -2 के संचालक राम गोपाल सिंह से कैंटीन चलाने के लिए नियम व शर्तो के प्रपत्रों की मांग की थी । जिसपर शिकायत कर्ता ने पर्यवेक्षक के निर्देशानुसार मेस के समस्त कर्मचारियों का स्व प्रमाणित आधार कार्ड, पैन कार्ड, की छायाप्रति,मेस के समस्त कर्मचारियों की हेपेटाइटिस बी के सम्पूर्ण टीकाकरण का प्रमाण-पत्र और मेस के समस्त कर्मचारियों की फोटो कार्यालय में जमा करने के लिए आदेशित किया था।

जिस पर कैंटीन संचालक द्वारा प्रपत्रों को जमा करना नागवार गुजरा और अपनी दबंगई दिखाते हुए संजीव कुमार पाण्डेय के कार्यालय पहुंच गए और अभद्रता करते हुए जान से मारने की धमकी दे डाली। वहीं अपना बचाव के लिए संजीव कुमार पाण्डेय ने संस्थान प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है। संजीव ने कहा कि मेस संचालक काफी दबंग प्रवृत्ति का है। जिसके कारण से छात्रावास के सभी कर्मचारी उससे डरे हुए रहते है और दबंगई प्रवृत्ति के कारण से राम गोपाल सिंह विगत लगभग 15 वर्षों से मेस पर काबिज है।

वहीं शिकायतकर्ता ने आरोप लगाते हुए घटना की सूचना तत्काल अपने उच्च अधिकारी प्रवेक्षक और भावी खतरे को देखते हुए कर्मचारी परिषद एवं वरिष्ठ अधिकारियों को भी पत्र के माध्यम से अवगत कराया है। साथ ही ये भी मांग की है कि यदि कार्यालय आने-जाने व कार्यावधि में कोई भी अनहोनी घटना घटित होती है तो इसकी जिम्मेदारी मेस संचालक राम गोपाल सिंह की होगी।

फिर भी नियमों को ताख पर रखकर कैंटीन चलाई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि समस्त कैंटीन मेस यह किसी प्रकार का आवंटन हो उसका अधिकार कुल सचिव को होता है और छात्रावास मेस कैंटीन का आवंटन का भी अधिकार कुलचसिव को ही होता है। बिना टेंडर प्रक्रिया किए वर्षो से मेस कैंटीन वार्डन अपने स्तर से अपने करीबी को आवंटन कर देते हैं। जो नियम विरुद्ध बताया जा है। सूत्रों ने यहाँ तक बताया कि जब टेंडर प्रक्रिया को दरकिनार कर कैंटीन चलाई जाएगी तो दबंगई जैसे हालात पैदा होना स्वाभाविक है। साथ ही यह भी बताया कि कैंटीन संचालक को वार्डन द्वारा नियमों का पालन कराया जाता तो ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होती।

इससे यह साबित होता है कि उच्च अधिकारियों का संरक्षण मिल रहा है तभी ऐसी समस्या पनप रही है। वहीं सूत्रों का कहना है कि नियम व शर्तो के अनुसार कैंटीन में सिर्फ अन्तः वासी छात्रों के लिए होती है बाहरी लोगों के लिए नहीं होती। फिर भी नियमों का उलंघन करते हुए लेन्च भेजने से लेकर बाहरी लोगों का खाना पानी प्रदान किया जाता है। सूत्रों ने यहाँ तक बताया कि जब बाहरी लोग खाएंगे तो छात्रों को खाने की गुणवत्ता कहाँ मिलेगी।

न्यू चक्रवर्ती छात्रावास मेस-2 में कैंटीन मामला मेरे संज्ञान में नहीं है।अभी कोई शिकायती पत्र नहीं मिला है। ऐसा कुछ होगा तो अवगत कराया जायेगा।

अर्चना गहरवार

कुलसचिव केजीएमयू लखनऊ

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