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सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान व संघर्ष को स्मरण करना – योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री ने ‘एकता यात्रा’ तथा ‘वन्दे मातरम्’ का सामूहिक गायन में हुए शामिल

 

गोरखपुर। लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल देश प्रति योगदान को स्मरण किया गया। सोमवार को

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनपद गोरखपुर में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जन्म जयन्ती माह के अन्तर्गत आयोजित ‘एकता यात्रा’ तथा ‘वन्दे मातरम्’ का सामूहिक गायन कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

मुख्यमंत्री ने रानी लक्ष्मी बाई तथा सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा तथा भारत माता एवं बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा-सुमन अर्पित किये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ‘एकता यात्रा’ स्वदेशी व स्वावलम्बन तथा देश की एकता व अखण्डता के लिए लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान व संघर्ष को स्मरण करने तथा उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर प्रदान करती है।

सरदार पटेल भारत माता के महान सपूत तथा भारत की अखण्डता के शिल्पी हैं। उन्होंने कहा था कि स्वतंत्रता का अर्थ केवल आजाद होना नहीं, बल्कि जिम्मेदारी से राष्ट्र की सेवा तथा अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना है। जिस देश का युवा जागरूक होता है, उस देश को कोई गुलाम नहीं बना सकता। हमारे युवाओं को राष्ट्रीयता के प्रति जागरूक होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयन्ती माह को सम्पूर्ण देश में उमंग एवं उत्साह के साथ विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से मनाया जा रहा है। भारत की वर्तमान पीढ़ी के मन में सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रति सम्मान का भाव सुदृढ़ करने के उद्देश्य से पहली बार श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी ने अखिल भारतीय स्तर पर 31 अक्टूबर को लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को आयोजित करने का निर्णय लिया था।

यह आयोजन वृहद स्तर पर राष्ट्रीय एकता को अखण्ड बनाने का एक माध्यम था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में आयोजित किया जाने लगा। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में प्रधानमंत्री ने नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर डैम बनाया तथा एक वीरान स्थल को एक बेहतरीन टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित किया।

दुनिया की सबसे विशाल और विराट प्रतिमा ‘यूनिटी ऑफ स्टैच्यू’ केवड़िया, गुजरात में सरदार सरोवर के तट पर स्थापित की गयी है। यह एकता की मूर्ति सम्पूर्ण भारत को मार्गदर्शन प्रदान कर रही है।

प्रधानमंत्री ने वर्ष 2013 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पूरे देश के विभिन्न संगठनों, अन्नदाता किसानों, श्रमिकों एवं नागरिकों से घर का निष्प्रयोज्य लोहा तथा मिट्टी दान करने का आवाह्न किया था। उन्होंने कहा था कि भारत की माटी और भारत का लोहा जब एक साथ मिलेगा, तो दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित होगी।

यदि गुजरात के केवड़िया जाने का अवसर प्राप्त हो, तो सरदार सरोवर तट पर स्थित सरदार पटेल की दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा का दर्शन कर प्रधानमंत्री के प्रति कृतज्ञता अवश्य ज्ञापित करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती पर प्रत्येक जनपद में ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन किया गया। व्यापक जन जागरण की दृष्टि से सरदार पटेल के व्यक्तित्व और कृतित्व से जुड़े विभिन्न प्रसंगों तथा स्वदेशी, स्वावलम्बन तथा राष्ट्रीय एकता पर आधारित अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।

प्रदेश के समस्त जनपदों में रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम के पश्चात अब एकता यात्रा प्रारम्भ की जा रही। प्रत्येक नागरिक के मन में राष्ट्रीयता का भाव पैदा करने के उद्देश्य से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 10 किलोमीटर की एकता यात्रा स्वदेशी और स्वावलम्बन के दृष्टिगत व्यापक जन जागरण कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रगीत ‘वन्दे मातरम्’ एक ऐसा गीत है। जिसने पूरे भारत की सोई हुई चेतना को जगाने का कार्य किया। क्रान्तिकारी ‘वन्दे मातरम्’ का उद्घोष करते हुए देश की आजादी के आन्दोलन में शामिल हुए। प्रत्येक आयु वर्ष के लोगों के लिए ‘वन्दे मातरम्’ का यह उद्घोष देश को हुकूमत से मुक्त कराने का मंत्र बन गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी व्यक्ति, जाति व मजहब, राष्ट्र से बढ़कर नहीं हो सकता। हम सब भारतवासियों को ध्यान रखना होगा कि अगर हमारी आस्था हमारी राष्ट्रीय एकता व अखण्डता में बाधा पैदा कर रही है, तो अपनी आस्था को किनारे रखकर सबसे पहले राष्ट्रीय अखण्डता के लिए प्राणपण से जूझने के लिए स्वयं को तैयार होना होगा।

भारत के नागरिक के रूप में यह हमारा दायित्व है। ‘वन्दे मातरम्’ का विरोध भारत के विभाजन का दुर्भाग्यपूर्ण कारण बना।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब धरती माता के पुत्र हैं। यदि मां के सम्मान पर कोई आंच आए, तो पुत्र होने के नाते हमारा दायित्व है कि भारत के प्रति निष्ठावान होकर राष्ट्रीय एकता व अखण्डता के लिए कार्य करें। सरदार पटेल जैसे राष्ट्र के महापुरूषों को सम्मान नहीं मिलेगा तो यह भारत की एकता अखण्डता को चुनौती देने वाले उग्रवाद, नक्सलवाद, आतंकवाद जैसी ताकतों के दुस्साहस को बढ़ाने का कार्य होगा।

हमारा दायित्व है कि हम समाज को बांटने वाले उन कारणों को ढूढ़ें, जो जाति, क्षेत्र, भाषा के नाम पर विभाजित करने का कार्य करते हैं। प्रत्येक नागरिक को इसके विरूद्ध खड़ा होना पड़ेगा।

सभी स्कूलों, कालेजों में सरदार पटेल के योगदान व संघर्षां पर आधारित डिबेट होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक शिक्षण संस्थान में राष्ट्र गीत का गायन अनिवार्य रूप से किया जाएगा, जिससे प्रदेश के प्रत्येक नागरिक के मन में राष्ट्रीयता का भाव उत्पन्न हो सके।

कार्यक्रम को जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह तथा विधान परिषद सदस्य डॉ. धर्मेन्द्र सिंह ने भी सम्बोधित किया।

इस अवसर पर गोरखपुर के महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक फतेह बहादुर सिंह, विपिन सिंह, डॉ.विमलेश पासवान, प्रदीप शुक्ला, इं. श्रवण कुमार निषाद, श्रीराम चौहान, महेन्द्र पाल सिंह सहित अन्य नागरिक उपस्थित रहे।

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