उत्तर प्रदेशजीवनशैलीबड़ी खबर

छात्रों को फेफड़े की फिजियोथेरेपी का प्रशिक्षण लेना जरुरी – प्रो सोनिया नित्यानंद

 केजीएमयू में मना विश्व फिजियोथैरेपी दिवस

 

 लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। केजीएमयू में विश्व फिजियोथैरेपी दिवस मनाया गया। सोमवार को

’पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर’ के प्रमुख डॉ. सूर्यकान्त ने बताया कि रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में प्रदेश का पहला ’पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर’ संचालित है, जहाँ सांस के रोगियों को फिजियोथेरेपी कराई जाती है।

इससे रोगियों के फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और वे अपने दैनिक कार्य बिना सांस फूले कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि संस्थान का यह सेंटर सांस के मरीजों को निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराता है। इस सेंटर पर अब तक 2000 से अधिक मरीजों को निःशुल्क उपचार प्रदान किया जा चुका है।

मरीजों की सुविधा के लिए ’ऑफलाइन’ और ’ऑनलाइन’ दोनों प्रकार की सेवाएँ उपलब्ध हैं। उन्होंने अपने व्याख्यान में यह भी कहा ‘न पर्चा, न चर्चा, न खर्चा’ रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में निःशुल्क है सुविधा उपलब्ध है। वहीं

कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति प्रो.सोनिया नित्यानंद, पद्मश्री द्वारा किया गया। कुलपति ने रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में संचालित पीआरसी की विशेष सराहना करते हुए बताया कि नैक की टीम ने भी ’पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर’ की प्रशंसा की थी।

इस उपलब्धि के लिए कुलपति ने डॉ. सूर्यकान्त और विभाग के सभी चिकित्सकों एवं पीआरसी टीम को बधाई दी। साथ ही यह घोषणा की कि अब से फिजियोथेरेपी विद्यार्थियों के लिए फेफड़े की फिजियोथेरेपी सीखने के लिए 2 सप्ताह का प्रशिक्षण अनिवार्य होगा।

साथ ही पैरामेडिकल के डीन डॉ. केके सिंह ने बताया कि शीघ्र ही यह आदेश पारित किया जाएगा। संस्थान के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग की यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसी क्रम में डॉ. सूर्यकान्त ने कुलपति एवं डॉ. केके सिंह का आभार व्यक्त किया।

’पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर’ के सह-प्रभारी डॉ. अंकित कुमार ने बताया कि पीआरसी पर फिजियोथेरेपी के 2 सप्ताह के प्रशिक्षण के दौरान सांस के मरीजों की फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए कौन-कौन से व्यायाम आवश्यक हैं, इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इस कार्यक्रम में राम मनोहर लोहिया के पल्मोनरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अजय कुमार वर्मा ने स्वस्थ जीवन में पल्मोनरी के योगदान पर अपने विचार व्यक्त किए। साथ ही राम मनोहर लोहिया से डॉ. पूनम तिवारी ने भी स्वस्थ जीवन में पोषण की उपयोगिता पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।

ज्ञात हो कि ’पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर’ में डॉ. शिवम श्रीवास्तव, डॉ. प्रकृति मिश्रा, दिव्यानी गुप्ता एवं पवन कुमार पाण्डेय कुल चार लोगों की टीम कार्यरत है।

विभाग से डॉ. आरएएस कुशवाहा, डॉ. दर्शन के. बाजाज, डॉ. आनंद श्रीवास्तव, डॉ. ज्योति बाजपेयी एवं ’सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च’ की डॉ. मिनाक्षी तिवारी एवं डा. बंदना चक्रवर्ती उपस्थित रहीं। कार्यक्रम के दौरान डा. निशा मणी पाण्डे, डा. अरविन्द कुमार, डा. विवेक गुप्ता, डा. अभिषेक आर्या, हिन्दी इस्टिट्यूट की वायस डीन ऑफ पैरामेडिकल डा. सुबिया हस्सन, सैफाई मेडिकल कालेज के पैरामेडिकल सांइस की फिजियोथेरेपिस्ट डा. अंजली अग्रवाल ने भी कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त किये।

इस मौके पर लगभग 200 से अधिक चिकित्सक, फिजियोथेरेपिस्ट एवं फिजियोथेरेपी के विद्यार्थी मौजूद रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button