राजस्व परिषद तहसील ग्रामीण स्तर पर रोस्टर प्रणाली करेगा लागू
राजस्व परिषद् का डिजिटलीकरण की तरफ बढ़ाया कदम

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजस्व परिषद ने तहसील व ग्रामीण स्तर पर रोस्टर प्रणाली लागू करने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निरंतर निर्देशन में प्रदेश के राजस्व तंत्र को आधुनिक और विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में एक व्यापक परिवर्तन की शुरुआत राजस्व परिषद द्वारा की जा रही है। जिसका मुख्य उद्देश्य लेखपालों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाकर राजस्व प्रशासन को और अधिक सुलभ, पारदर्शी और उत्तरदायी बनाना है।
मंगलवार को राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि इस पहल के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि नागरिकों को राजस्व विभाग से जुड़ी सेवाएं जैसे-प्रमाण पत्रों की संस्तुति, भू-अभिलेखों को अद्यतन करना और वरासत संबंधी कार्य को समयबद्ध, त्रुटिरहित और ग्राम स्तर पर ही उपलब्ध हों, ताकि ग्रामीण जनमानस को अनावश्यक रूप से तहसीलों के चक्कर न लगाने पड़ें।
उन्होंने यह बताया कि इस परिवर्तन के अंतर्गत प्रदेश के सभी लेखपालों को तहसील स्तर पर एक निश्चित कार्यस्थल दिया जा रहा है, जहाँ उन्हें उच्चगति इंटरनेट और आधुनिक डेस्कटॉप की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इससे लेखपालों के कार्यों में न केवल तीव्रता आएगी, बल्कि प्रमाणपत्रों की संस्तुति, वरासत, भू-अभिलेख, निरीक्षण रिपोर्ट जैसे कार्य पूरी पारदर्शिता और सटीकता से संपन्न हो सकेंगे।
साथ ही एकीकृत डिजिटल लॉगिन प्रणाली (सिंगल विंडो लॉग इन सिस्टम) विकसित की जा रही है, जिससे सभी कार्य एक ही पोर्टल से किए जा सकेंगे और कार्यालय संबंधी प्रक्रियाओं को सरल और केंद्रित किया जा सकेगा।
राजस्व परिषद के अध्यक्ष ने बताया कि लेखपालों की उपस्थिति को ग्रामस्तर तक सुलभ बनाने के लिए तहसील और ग्रामसभा स्तर पर स्पष्ट रोस्टर प्रणाली लागू की जा रही है। जिससे नागरिकों को यह पूर्व जानकारी होगी कि उनके हलके का लेखपाल किस दिन उपलब्ध रहेगा।
इसके अतिरिक्त प्रत्येक लेखपाल को टैबलेट और मोबाइल इंटरनेट की सुविधा दी जा रही है, जिससे वे ग्राम सचिवालय या पंचायत भवन से सीधे नागरिकों को सेवाएं दे सकेंगे।
उन्होंने बताया कि इस डिजिटल परिवर्तन से प्रदेश के 10 करोड़ से अधिक नागरिकों को सीधा लाभ होगा। यह पहल न केवल सेवा वितरण को आसान बनाएगी, बल्कि नागरिकों में प्रशासन के प्रति विश्वास को भी सशक्त करेगी।
उन्होंने बताया कि राजस्व सेवाएं अब कागजों तक सीमित न रहकर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सरल, सुलभ, समयबद्ध व त्रुटिरहित रूप में उपलब्ध हो इस दिशा में परिषद् विभिन परियोजनाओ पर कार्य कर रहा है, जिसके नतीजे जल्दी ही देखने को मिलेंगे। यह मॉडल आने वाले वर्षों में पूरे प्रदेश में राजस्व प्रशासन की कार्यप्रणाली को एक नई दिशा देगा।



