पिंक वेव स्तन कैंसर जागरूकता वॉकथॉन
पिंक वेव अभियान में 300 से अधिक लोगों ने किया प्रतिभाग

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में पिंक वेव स्तन कैंसर जागरूकता के लिए वॉकथॉन किया गया। रविवार को एसोसिएशन ऑफ 41 क्लब ऑफ इंडिया एरिया 9 ने एसजीपीजीआई ब्रेस्ट हेल्थ प्रोग्राम के सहयोग से पिंक वेव का आयोजन किया।
यह पिंक वेव मूलतः स्तन कैंसर जागरूकता कार्यक्रम था। जिसके माध्यम से यह बताया गया कि कैसे समय पर स्तन कैंसर का पता लगने से जान बचाई जा सकती है। इस पिंक वेव में लखनऊ गोल्फ क्लब, इनर व्हील और अन्य संस्थाएँ भी शामिल हुईं। इस कार्यक्रम को इंडियन ऑयल और ज्ञान दूध ने प्रायोजित किया था।
कार्यक्रम की शुरुआत एक वॉकथॉन से हुई। जिसे सुबह 7 बजे प्रमुख सचिव, उद्योग आलोक कुमार और प्रमुख सचिव, नियोजन आलोक कुमार III ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर डीसीपी महिला प्रकोष्ठ श्रीमती ममता रानी भी मौजूद थीं।
फ्लैग ऑफ समारोह में एसजीपीजीआई के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. गौरव अग्रवाल, लखनऊ गोल्फ क्लब के मानद सचिव रजनीश सेठी, सरस्वती डेंटल कॉलेज के डॉ. रजत माथुर और 41 एसोसिएशन ऑफ इंडिया के क्लब 95 के अध्यक्ष विवेक जायसवाल मौजूद थे।
साथ ही 41 एसोसिएशन ऑफ इंडिया के नेक्स बोर्ड के सदस्य डॉ. पीयूष अग्रवाल और 41 एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एरिया 9 के एरिया चेयरमैन मनीष टंडन। वॉकथॉन में 300 से ज़्यादा वॉकर्स ने हिस्सा लिया और यह पथ लगभग 3 किलोमीटर लंबा था।
वॉकथॉन के बाद, सुबह लगभग 8 बजे एक विंटेज कार रैली को भी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। जिसका क्षेत्र लोहियापथ के चारों ओर था और यह लखनऊ गोल्फ ड्राइविंग रेंज और अभ्यास क्षेत्र में समाप्त हुआ।
एसजीपीजीआई ब्रेस्ट हेल्थ प्रोग्राम के डॉक्टरों के साथ लखनऊ एंडोक्राइन एंड ब्रेस्ट सर्जरी क्लब की सदस्य भी शामिल हुईं। डॉ. गौरव अग्रवाल और अन्य डॉक्टरों ने स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया और सभी महिलाओं से मासिक रूप से स्तन की स्वयं जांच करने को कहा।
उन्होंने सलाह दी कि 40 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं को डॉक्टर से सालाना स्तन जांच करानी चाहिए। महिलाओं को स्तन में दर्द रहित गांठ जैसे किसी भी लक्षण के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है और ऐसे किसी भी चेतावनी संकेत को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
उन्हें बिना किसी हिचकिचाहट या डर के जल्द से जल्द किसी सक्षम डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और उचित इलाज करवाना चाहिए। स्तन कैंसर के अधिकांश रोगी ठीक हो सकते हैं, अगर रोग का प्रारंभिक अवस्था में पता चल जाए और व्यापक उपचार किया जाए।
दुर्भाग्य से, इस बीमारी के बारे में जागरूकता की कमी के कारण, कई भारतीय महिलाओं में स्तन कैंसर का अभी भी देर से निदान होता है, जिससे इलाज का मौका चूक जाता है।
लखनऊ के नागरिकों में जागरूकता लाने के लिए ये तीन कार्यक्रम आयोजित किए गए थे कि स्तन कैंसर का जल्द पता कैसे लगाया जा सकता है और जाँच क्यों ज़रूरी है।
एसजीपीजीआई ब्रेस्ट हेल्थ प्रोग्राम ने लखनऊ गोल्फ क्लब ड्राइविंग रेंज और अभ्यास क्षेत्र में सभी गोल्फ कैडीज और उनके परिवारों की जागरुकता के लिए एक शिविर का भी आयोजन किया, ताकि वे भी जान सकें कि स्तन कैंसर का शुरुआती चरण में पता लगाना कितना ज़रूरी है।
कार्यक्रम में बीमारी को जानने व इससे लडने के तरीके पर ज़ोर दिया गया। एसजीपीजीआई के एंडोक्राइन सर्जिकल विभाग के संकाय सदस्यों के भरपूर सहयोग से यह महत्वपूर्ण संदेश दिया गया।



