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आत्मनिर्भर भारत का मजबूत स्वरूप नोएडा- रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री ने रक्षा उपकरण एवं इंजन टेस्ट फैसिलिटी का किया लोकार्पण किया

 

देश की सबसे बड़ी रक्षा उपकरण एवं ड्रोन निर्माण इकाई स्थापित

 लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। आत्मनिर्भर भारत के बदलते स्वरूप में एक और नए अध्याय की शुरुआत की गई। शनिवार को

भारत सरकार के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा, जनपद गौतमबुद्धनगर में स्थित रेफी एम फाईबर प्रा.लि. कम्पनी की रक्षा उपकरण एवं इंजन टेस्ट फैसिलिटी का लोकार्पण किया।

इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रेफी एम फाईबर प्रा.लि. कम्पनी द्वारा स्थापित की गई यह इकाई देश की सबसे बड़ी रक्षा उपकरण एवं ड्रोन निर्माण इकाई है। उन्होंने कम्पनी के सीईओ एवं चेयरमैन के प्रयासों की सराहना की।

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मजबूत स्वरूप अब नोएडा में भी दिखाई दे रहा है। आने वाले समय में नोएडा देश की प्रगति में और अधिक सशक्त भूमिका निभाएगा। यह कम्पनी वर्ष 2017 में मात्र 10 सदस्यों से शुरू हुई थी और आज 600 से अधिक युवा इंजीनियर इसमें कार्यरत हैं। आने वाले समय में यह इकाई 5000 से अधिक युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराएगी।

रक्षा मंत्री ने कहा कि एक समय था, जब उत्तर प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की स्थिति कमजोर थी तथा कानून व्यवस्था भी संतोषजनक नहीं थी। उद्यमियों को अपने उद्योग स्थापित करने में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश ने नए युग की ओर कदम बढ़ाया है और आज कानून व्यवस्था की नई पहचान के साथ उत्तर प्रदेश निवेशकों के लिए सबसे पसंदीदा प्रदेश बन गया है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि आज की परिस्थितियों में ड्रोन को युद्ध नीति में शामिल करना अनिवार्य हो गया है। देश का भविष्य नवाचार के हाथों में है। भारत ने मेडिकल, कृषि और आईटी क्षेत्र में उल्लेखनीय पहचान बनाई है। ऑपरेशन सिंदूर में रेफी एम फाईबर और डीआरडीओ द्वारा निर्मित तीन उपकरणों का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया।

संकल्प, साहस और विज्ञान के मेल से असम्भव भी सम्भव हो सकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 21वीं सदी में वही देश विश्व शक्ति बनेंगे जो नवाचार, तकनीक और संस्कृति का समन्वय करेंगे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने देश की वर्तमान चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए देश में 02 डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग केन्द्र में से एक उत्तर प्रदेश को दिया है।

प्रदेश में 06 नोड में उत्तर प्रदेश डिफेन्स इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर का विकास किया जा रहा है। इसके लिए अब तक प्रदेश सरकार द्वारा 12,500 एकड़ लैण्ड अलीगढ़, आगरा, कानपुर, लखनऊ, झांसी और चित्रकूट में उपलब्ध करायी जा चुकी है। साथ ही, अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध करायी जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ ब्रह्मोस मिसाइल के उत्पादन का केन्द्र बना है। लखनऊ की जो मुस्कुराहट है, वह तब तक अधूरी थी, जब तक वहां से मिसाइल की गूंज दुश्मन के कानों तक न गूंजे। ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन भी किया है। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के झांसी में भारत डायनामिक्स लि. का केन्द्र भी स्थापित गया है।

वहां पर इसकी मैन्युफैक्चरिंग की कार्यवाही प्रारम्भ हुई है। असॉल्ट राइफल एके.-203 का निर्माण अमेठी आयुध फैक्ट्री में किया जा रहा है। वेब्ले स्कॉट कम्पनी ने हरदोई में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले हमें एयरक्राफ्ट इंजन और डिफेन्स से सम्बन्धित विभिन्न टेस्टिंग फैसिलिटी के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहना पड़ता था। पहले हमारा सारा डाटा कैप्चर करके दुश्मन हमें ही कमजोर बनाने का कुछ प्रयास करता था, वह अब नहीं कर पाएगा।

एयरक्राफ्ट इंजन एण्ड डिफेंस टेस्ट फैसिलिटी सेण्टर अत्याधुनिक ड्रोन निर्माण के एक नए केन्द्र के रूप में स्थापित हुआ है।

इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर की चुनौतियों का सामना कैसे किया जा सकता है, इस दृष्टिकोण से अत्याधुनिक ड्रोन के निर्माण करने के साथ ही, एयरक्राफ्ट इंजन एण्ड डिफेंस एयरोस्पेस टेस्ट फैसेलिटी को यहां विकसित करने में सफलता मिली है। प्रदेश व देश की सुरक्षा एवं आवश्यकता के लिए राज्य सरकार हर प्रकार का सहयोग करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर आपके पास ताकत है, तो दुनिया आपके सामने नतमस्तक होगी। महाभारतकाल में गुरु द्रोणाचार्य से पूछा गया था कि आप शस्त्र धारण क्यों कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा था कि ‘अग्रतः चतुरो वेदाः पृष्ठतः सशरं धनुः।

उनकी यह प्रेरणा केवल उस कालखण्ड के लिए नहीं थी, बल्कि आज के लिए भी समीचीन है।

भारतीय मनीषा कहती है कि ‘शस्त्रेण रक्षिते राष्ट्र शास्त्र चिंता प्रवर्तते’ यानी शास्त्र और शस्त्र दोनों में बेहतर समन्वय होगा, तो राष्ट्र शक्तिशाली होगा। जब आप शक्तिशाली हैं, तो अगला व्यक्ति शांति की अपील करते हुए आपके सामने आएगा। इसी के लिए कहा गया है कि ‘वीर भोग्या वसुंधरा’।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत वर्ष 1947 से लगातार विभिन्न चुनौतियों का सामना करता रहा है और प्रत्येक युद्ध का पैटर्न हर एक युद्ध ने बदलते हुए देखा है। ऑपरेशन सिन्दूर ने भारत के सामर्थ्य व शक्ति का एहसास दुनिया को कराया है।

हमें इस ऑपरेशन ने भविष्य की चुनौतियों से जूझने और उनका सामना करने के लिए एक नई प्रेरणा प्रदान की है। इस दृष्टि से हमें आज अपने आपको तैयार करना होगा।

इससे पूर्व, रक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री ने ड्रोन प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, सैन्य क्षेत्र तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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