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भारत-रूसी नागरिकों को ई टूरिस्ट बीजा मुफ्त

23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में कई क्षेत्रों में बनी सहमति

 

नई दिल्ली। लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय भारत यात्रा में कई अहम समझौते किए गये। शुक्रवार को व्लादिमीर पुतिन के राष्ट्रपति भवन पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वागत किया।

साथ ही 21 तोपों की सलामी के साथ गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया। इसके पश्चात् व्लादिमीर पुतिन राजघाट पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके पश्चात्

23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भारत और रूस के बीच शुक्रवार को सात क्षेत्रों में 16 समझौतों और करार पर हस्ताक्षर हुए और 5 घोषणाएं की गईं। दोनों देशों में प्रवासन और गतिशीलता, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा, समुद्री सहयोग और ध्रुवीय जल, उर्वरक, सीमा शुल्क और वाणिज्य, शिक्षा तथा मीडिया क्षेत्र में सहयोग पर सहमित बनी।

भारत-रूस आर्थिक सहयोग के रणनीतिक क्षेत्र के विकास के लिए 2030 तक के कार्यक्रम पर सहमत हुए हैं। भारत रूसी नागरिकों को आपसी आधार पर 30 दिनों का ई-टूरिस्ट वीज़ा मुफ्त और रूसी नागरिकों को ग्रुप टूरिस्ट वीज़ा मुफ्त में देगा।

वहीं, रूसी पक्ष ने इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस में शामिल होने के लिए फ्रेमवर्क एग्रीमेंट अपनाने का फैसला किया है। इसके अलावा दोनों देशों ने ‘इंडिया. फैब्रिक ऑफ़ टाइम’ प्रदर्शनी के लिए समझौते पर भी सहमति की घोषणा की।

ये समझौते भारत–रूस सहयोग को व्यापक, आधुनिक और व्यावहारिक स्वरूप देने के लिए महत्वपूर्ण आधार प्रदान करते हैं। कुशल भारतीय कार्यबल के रूस में सुरक्षित और सुव्यवस्थित आवागमन के लिए बनाए गए ढांचे से दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को लाभ मिलेगा। स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और विज्ञान में जानकारी व विशेषज्ञों का आदान-प्रदान शोध और नवाचार को नई गति देगा। खाद्य सुरक्षा समझौता स्वच्छता और गुणवत्ता मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करेगा।

भारतीय सेफ़ारर्स के लिए पोलर वॉटर प्रशिक्षण, समुद्री क्षेत्र में संयुक्त अन्वेषण, अनुसंधान और बंदरगाह सहयोग क्षमता निर्माण को मजबूत करेंगे। यूरिया संयंत्र की संयुक्त पहल कृषि क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करेगी।

कस्टम्स जानकारी के आदान-प्रदान से व्यापार प्रक्रिया सरल होगी, जबकि डाक एवं ई-कॉमर्स सहयोग छोटे उद्योगों को नई संभावनाएँ मिलेंगी। शिक्षा, कौशल विकास, छात्र आदान-प्रदान और मीडिया सहयोग दोनों देशों के लोगों एवं संस्थागत संबंधों को और सुदृढ़ करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए 4-5 दिसंबर को भारत की राजकीय यात्रा की। इस दौरान शिखरवार्ता में दोनों नेताओं ने भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की।

इस वर्ष भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की 25वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। साझेदारी की स्थापना अक्टूबर 2000 में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत की पहली राजकीय यात्रा के दौरान की गई थी।

शिखरवार्ता के बाद जारी रूस से कच्चा तेल खरीदने को लेकर अमेरिकी सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों का सीधा उल्लेख नहीं करते हुए संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि ऊर्जा क्षेत्र, भारत और रूस की रणनीतिक साझेदारी का प्रमुख स्तंभ है।

दोनों देशों ने तेल, तेल उत्पाद, तेल शोधन क्षमता, प्रोद्योगिकी और क्षेत्रों के विकास में आपसी सहयोग को और बढ़ाने का फैसला किया। संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि ऊर्जा, द्विपक्षीय व्यापार का प्रमुख हिस्सा तथा संप्रभु देश के रूप में रूस और भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और जनकल्याण सुनिश्चित करेंगे।

भारत और रूस के व्यापारिक संबंधों को कमजोर करने के पश्चिमी देशों के प्रयासों का मुकाबला करने के लिए दोनों देश भुगतान की वैकल्पिक प्रणाली सुनिश्चित करने पर सहमति व्यक्त की। इसके तहत द्विपक्षीय व्यापार को बाधा रहित रूप से संचालित करने के लिए अपने -अपने देशों की राष्ट्रीय मुद्रा का उपयोग जारी रखने का फैसला किया गया। दोनों देश अपनी भुगतान प्रणालियों के बीच तालमेल भी कायम करेंगे।

संयुक्त वक्तव्य के अनुसार दोनों पक्षों ने प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण और भारतीय सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करने के लिए संयुक्त उद्यमों की स्थापना के साथ-साथ पारस्परिक रूप से मित्र तीसरे देशों को निर्यात के माध्यम से मेक-इन-इंडिया कार्यक्रम के तहत रूसी मूल के हथियारों और रक्षा उपकरणों के रखरखाव के लिए स्पेयर पार्ट्स, घटकों, एग्रीगेट्स और अन्य उत्पादों के भारत में संयुक्त विनिर्माण को प्रोत्साहित करने पर सहमति व्यक्त की।

रूस के राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा के दौरान 2022 में यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद पश्चिम के कई देशों में प्रतिबंधित आरटी, रूस टीवी ने अपने सबसे बड़े विदेशी कार्यालयों को खोला।

शिखरवार्ता को लेकर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पत्रकार वार्ता की। रूस ऊर्जा के आयात पर विदेश सचिव ने स्पष्ट किया कि ऊर्जा के एक महत्वपूर्ण आयातक के रूप में भारत की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि भारत में 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा जरूरतें सुरक्षित हों और हमारी ऊर्जा स्रोत नीतियां पूरी तरह से इस अनिवार्यता द्वारा निर्देशित हों। स्थिर ऊर्जा मूल्यों और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करना हमारी सोर्सिंग नीति का दोहरा लक्ष्य है।

सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री ने रूसी सशस्त्र बलों में भारतीय नागरिकों की भर्ती का मुद्दा राष्ट्रपति पुतिन से उठाया। हमारी कोशिशें उनकी जल्द रिहाई सुनिश्चित करने के लिए जारी हैं। मिस्री ने दोहराया कि देश के नागरिकों को रूसी सशस्त्र बलों में शामिल होने की किसी भी पेशकश से बचना चाहिए।

इसके अलावा राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री को यूक्रेन में संघर्ष पर हाल के घटनाक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी, जिसमें रूसी प्रतिनिधियों और अमेरिकी अधिकारियों के बीच चल रही बातचीत भी शामिल है। प्रधानमंत्री ने इस संघर्ष पर भारत की लंबे समय से चली आ रही स्थिति को दोहराया कि शत्रुता की जल्द से जल्द समाप्ति हो और वार्ता व कूटनीति के माध्यम से संघर्ष का स्थायी समाधान खोजा जाए।

उन्होंने बताया कि वर्तमान यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय निवेश संधि पर चर्चा और बातचीत में तेजी लाने के महत्व को भी रेखांकित किया। इससे दोनों और निवेश को तेज करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा, पूर्वी समुद्री गलियारा,

चेन्नई-व्लादिवोस्तोक मार्ग और उत्तरी समुद्र मार्ग के साथ सहयोग सहित कनेक्टिविटी पहलों पर भी चर्चा की गई। इन गलियारों से फिर से आर्थिक संबंधों को मजबूत करने, पारगमन समय को कम करने और यूरेशिया और उससे परे हमारे व्यापार पहुंच के विस्तार की उम्मीद है।

वैश्विक और बहुपक्षीय मुद्दों पर दोनों नेताओं ने वैश्विक शासन में सुधार के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की। समकालीन वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की अनिवार्यता को रेखांकित किया। वहीं जहां भारत और रूस दोनों सदस्य हैं, जैसे जी-20, ब्रिक्स और एससीओ में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।

आतंकवाद पर दोनों नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ संयुक्त रूप से लड़ने के अपने संकल्प को दोहराया। प्रधानमंत्री ने आतंकवाद पर भारत के शून्य सहिष्णुता के रुख को दोहराया और राष्ट्रपति पुतिन ने इस प्रयास में भारत के लिए रूस के समर्थन को दोहराया। वहीं राजकीय भोज करने के पश्चात् व्लादिमीर पुतिन स्वदेश रवाना हो गए।

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