
लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। उर्मिला नाटक का पोस्टर रिलीज़ हो गया।
शुक्रवार को अशोक कुमार श्रीवास्तव के लिखे इस नाटक के पोस्टर का विमोचन यायावर रंगमंडल के निदेशक पुनीत मित्तल द्वारा विकासनगर स्थित याहोवा अकादमी में किया गया।
यायावर रंगमंडल की ओर से चालीस दिवसीय अभिनय कार्यशाला के अंतर्गत तैयार नाट्य प्रस्तुति उर्मिला का मंचन मोहम्मद हफीज के निर्देशन में 1 दिसम्बर को किया जाएगा।
संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली के सहयोग से इसका मंचन शाम 6:30 बजे कैसरबाग स्थित राय उमानाथ बली ऑडिटोरियम में किया जायेगा। वहीं पुनीत मित्तल ने बताया कि यायावर रंगमण्डल की स्थापना रंगकर्म को सामाजिक सरोकारों से जोड़ने, जनमानस तक थिएटर की पहुँच बढ़ाने और सांस्कृतिक चेतना को जीवित रखने के उद्देश्य से की गई है।
इस उद्देश्यों की पूर्ति हेतु यायावर ने कई दायित्वों का निर्वाह किया है। उन्होंने बताया कि यायावर स्क्रिप्ट बैंक सेवा भारत की एक मात्र अनूठी सेवा है वहीं व्यावसायिक थिएटर की श्रंख्ला में नाटक ‘‘शी….सेन्चुरी बुड्ढा’’ मील का पत्थर है जिसके 91 मंचन हो चुके हैं। इसके साथ ही ‘‘तुरूपचाल’’ की 122 और ‘‘सलीम शेरवानी की शादी’’ की 24 प्रस्तुतियां हो चुकी है।
रंगमण्डल का सर्वाधिक प्रशंसनीय कार्य साल 1996 में आदर्श कारागार में किया गया। जिसमें आजीवन बंदियों, को रंगसंस्कार देकर उनके अभिनय में ही नाटक ‘‘रोशनी की दहलीज’’ का मंचन राय उमानाथ बली ऑडिटोरियम में किया गया।
एमेच्योर थियेटर एसोसिएशन डेनमार्क और नीपा भारत द्वारा आयोजित द्वितीय अन्तरराष्ट्रीय बाल नाटय समारोह में बाल नाटक ‘‘कांटे बोये बबूल के तो’’ का मंचन साल 1998 में किया गया। कारगिल युद्ध ऑपरेशन विजय के सम्पूर्ण युद्ध काल में प्रतिदिन 54 नुक्कड नाटकों के माध्यम से आर्थिक एवं मानवीय सहयोग अर्जित कर आर्मी वेलफेयर फण्ड में 13,000 रुपए का योगदान भी किया गया।
बाल कला एवं उल्लास के अंतर्गत साल 1993 से निरन्तर बाल नाट्य शिविर, बाल संगीत कार्यशाला, पेंटिंग कार्यशाला, क्ले मॉडलिंग वर्कशाप पर आधारित 243 बाल कार्यशालाओं का सफल संचालन किया जा रहा है। दिवंगत नगर विभूतियों की स्मृति में साल 1995 से 2017 तक नाट्योत्सवों का आयोजन किया गया। इसके साथ ही बाल पर्व साल 1996 से लगातार आयोजित किया जा रहा है।
नवीनतम प्रस्तुति उर्मिला में 18 से लेकर 65 आयु तक के प्रतिभागी हैं। नाटक मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम की प्रेरक कथा रामायण की मौन किरदार उर्मिला पर आधारित है। यह प्रस्तुति देवी उर्मिला के त्याग और संयम का बिलकुल नए अंदाज में गुणगान करती है।
इस प्रस्तुति में देवी उर्मिला के 14 वर्षों का तप बिम्बित होगा। मंच पर आशुतोष त्रिपाठी, शिवानी, मोनिका अग्रवाल, आन्या सिंह, माही बिष्ट, अमितेश श्रीवास्तव, अंकित कुमार, ईशान, अर्पित कुमार, सोनू कुमार, शिवानी, गिरीश तिवारी, प्रखर शर्मा, शिवम गौतम, गरिमा यादव, अर्पित कुमार, ईशान अभिनय करेंगे वहीं नृत्य दल में
प्रियम यादव, प्रगति गुप्ता, व्रति सक्सेना, दिलप्रीत कौर शामिल रहेंगी। इसके प्रस्तुति नियन्त्रक कीर्ति प्रकाश के अनुसार उनके सहायक संजय तिवारी है जबकि मंच व्यवस्था सुश्रुत गुप्ता, विनय गज्जर, अनूप सिंह संभाल रहे हैं। इस प्रस्तुति में पुष्पलता की वेशभूषा, शहीर अहमद की रूप सज्जा, गरिमा यादव की मंच सामग्री, मो. शकील का मंच निर्माण,
सचिन मिश्रा की प्रकाश व्यवस्था, अंकित श्रीवास्तव, आद्या घोषाल का गायन, आदर्श कुमार का संगीत संकलन, आद्या घोषाल का संगीत संचालन, अंकित श्रीवास्तव का संगीत संयोजन एवं सहनिर्देशन नाट्य प्रस्तुति का आकर्षण बढ़ाएगा।



