स्वास्थ्य केंद्रों पर चला प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान
चिकित्सा अधिकारियों ने परखी अस्पतालों की व्यवस्था

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। मरीजों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया गया। सोमवार को जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस आयोजित हुआ।
जिसे मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एनबी सिंह के निर्देश पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीएन यादव और एआरओ अन्नू शर्मा ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बक्शी का तालाब, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी
डॉ. अमिताभ श्रीवास्तव डीपीएम सतीश यादव तथा एआरओ प्रदीप श्रीवास्तव ने मलिहाबाद, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ गोपी लाल एवं संजय मिश्रा अर्बन हेल्थ कोऑर्डिनेटर ने मोहनलालगंज एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तेलीबाग तथा उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. निशांत निर्वाण, डीसीपीएम विष्णु प्रताप ने
काकोरी सीएचसी का भ्रमण कर पीएमएसएमए और सीएचसी पर दी जाने वाली सेवाओं तथा सीएचसी के तहत आने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों व आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का भी औचक निरीक्षण किया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि हर माह की नौ तारीख को यह अभियान मेडिकल कॉलेजों, सभी ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य इकाइयों, जनपदीय महिला अस्पतालों , शहरी सामुदायिक एवं ग्रामीण सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मनाया जाता है तथा एक,
16 और 24 तारीख को सभी शहरी एवं ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, जनपद स्तरीय चिकित्सा इकाइयों एवं राजकीय मेडिकल कॉलेजों में किया जाता है। महीने में चार बार आयोजित करने का उद्देश्य अधिक से अधिक गर्भवती की जांच कर उच्च जोखिम खतरे की गर्भावस्था की पहचान कर उसका प्रबंधन करना है जिससे कि मातृ मृत्यु दर में कमी लाई जा सके।
इन चार दिवसों पर यदि अवकाश होता है तो अगले दिन इस दिवस का आयोजन होता है। नौ को रविवार होने के कारण यह सोमवार को अयोजित हुआ।
इस अभियान का उद्देश्य उद्देश्य गर्भवती को कम से कम एक बार स्त्री रोग विशेषज्ञ अथवा एमबीबीएस चिकित्सक की देख रेख में निःशुल्क गुणवत्तापरक जांच एवं उपचार से अच्छादित किया जाना है।
इसे शुरू करने के पीछे सरकार की मंशा हर गर्भवती की प्रशिक्षित चिकित्सक द्वारा कम से कम एक बार प्रसवपूर्व जांच कराना है। जिससे कि उसका उचित फॉलो अप किया जाये तो इससे नवजात और मातृ मृत्यु दर में कमी आ सकती है।
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी ने बताया कि सोमवार को आयोजित पीएमएसएमए दिवस के तहत कुल 3112 गर्भवतियों की जाँच की गयी और 312 उच्च जोखिम गर्भावस्था की पहचान हुयी।
जानें उच्च जोखिम गर्भावस्था के बारे में..
गंभीर एनीमिया यानि सात मिलीग्राम/डेली से कम हीमोग्लोबिन,वजन कम या अधिक होना, योनी से स्राव या रक्तस्राव होना,लम्बाई 143 सेमी से कम होना,15 वर्ष से कम और 31 वर्ष से अधिक आयु में गर्भधारण करना,
गर्भकालीन डायबिटीज और उच्च रक्तचाप,प्रीएक्लेम्प्शिया,सिफलिस,टीबी, किडनी, एचआईवी, मलेरिया से ग्रसित होना,सर्विक्स यह गर्भाशय का असमान्य होना,पूर्व की गर्भावस्था की जटिलताएं,बाधित प्रसव,झटके आना, बुखार आना, दौरे आना आदि कारण हो सकता है।



