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एसजीपीजीआई को कार्डियोवैस्कुलर डिजीज़ केयर” में मिला पुरस्कार 

बीट -2025 नेशनल कार्डियोवैस्कुलर समिट में एसजीपीजीआई ने रचा इतिहास

 

 लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। संजय गांधी पीजीआई ने एक और नया अध्याय जोड़ते हुए ख़िताब अपने नाम कर लिया है। अभी

हाल ही में बीते 12 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित ‘बीट 2025 नेशनल कार्डियोवैस्कुलर समिट’ के हिस्से के रूप में ‘वॉयस ऑफ हेल्थकेयर कार्डियक एक्सीलेंस अवार्ड्स 2025’ भी आयोजित किया गया।

जिसमें भारत में हृदय चिकित्सा क्षेत्र के कुछ सबसे विशिष्ट अग्रगण्य चिकित्सकों को सम्मानित किया गया। जिसमें संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के लिए इस शानदार समारोह में न केवल कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख, प्रो. आदित्य कपूर बल्कि संस्थान ने भी पुरस्कार हासिल करने में जीत दर्ज की है। बताते चले कि

प्रो. आदित्य कपूर को कार्डियोलॉजी, चिकित्सा शिक्षा और हृदय संबंधी अनुसंधान में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए “अकैडमिक एक्सीलेंस इन कार्डियोवैस्कुलर मेडिसिन” पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

इस योगदान ने सामूहिक रूप से इस क्षेत्र को आगे बढ़ाया है और पूरे देश में रोगी देखभाल के परिणामों में सुधार किया है। हृदय देखभाल, प्रशिक्षण कार्यक्रम और साक्ष्य-आधारित अनुसंधान विकसित करने में उनके निरंतर प्रयासों ने न केवल संस्थान के भीतर, बल्कि भारत के व्यापक स्वास्थ्य सेवा तंत्र में एक गहरा और स्थायी प्रभाव डाला है।

समिति ने प्रो. कपूर के शैक्षणिक नेतृत्व, अनगिनत शोध प्रकाशनों, राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के विकास में भागीदारी और डेटा-संचालित नीतिगत कार्डियोलॉजी की वकालत को स्वीकार किया है। जिसने चिकित्सीय और शैक्षणिक अभ्यास के लिए नए मानक स्थापित किए हैं।

इस सम्मान के साथ ही संस्थान को “एक्सिलेंस इन डिजिटल ट्रांस्फार्मेशन इन कार्डियोवैस्कुलर डिजीज़ केयर” के लिए भी पुरस्कार प्रदान किया गया। यह पुरस्कार रोगी प्रबंधन को बढ़ाने, देखभाल को सुव्यवस्थित करने और गुणवत्तापूर्ण हृदय रोग सेवाओं तक पहुंच का विस्तार करने के लिए डिजिटल उपकरणों, डेटा सिस्टम और प्रौद्योगिकी-संचालित शिक्षण प्लेटफार्मों के संस्थान और कार्डियोलॉजी विभाग के अग्रणी उपयोग पर प्रकाश डालता है।

इस अवसर पर बोलते हुए, प्रो. आदित्य कपूर ने अपना आभार व्यक्त करते कहा कि “वॉयस ऑफ हेल्थकेयर से यह सम्मान प्राप्त करना एक सौभाग्य की बात है। यह पुरस्कार वास्तव में संस्थान के समर्पित संकाय, कर्मचारियों और प्रशिक्षुओं का है, जो कार्डियोवैस्कुलर मेडिसिन को आगे बढ़ाने के लिए अथक प्रयास करते हैं। हमारा सामूहिक मिशन हमेशा अनुसंधान और नवाचार को बेहतर रोगी परिणामों में बदलना रहा है।

उन्होंने आगे इस बात पर जोर दिया कि इन क्षेत्रों में संस्थान की सफलता संजय गांधी पीजीआई के निदेशक प्रो. आरके धीमन, के दूरदर्शी नेतृत्व और निरंतर मार्गदर्शन को दर्शाती है। जिनका समर्थन और परामर्श – नवाचार, शैक्षणिक उत्कृष्टता और संस्थागत उत्कृष्टता को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।

उनके निर्देशन में संस्थान भारत के सबसे उन्नत तृतीयक देखभाल केंद्रों में से एक के रूप में विकसित हुआ है,जो चिकित्सीय सेवा को शिक्षा, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी एकीकरण के साथ संयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

बीट 2025 नेशनल कार्डियोवैस्कुलर समिट भारत भर के प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और स्वास्थ्य सेवा नवप्रवर्तकों को एक साथ लाया, ताकि हृदय रोग प्रबंधन, निवारक देखभाल और डिजिटल परिवर्तन में विकसित हो रहे रुझानों पर चर्चा की जा सके। वहीं

प्रो. कपूर के लिए “अकैडमिक एक्सिलेंस इन कार्डियोवैस्कुलर मेडिसिन” और संस्थान के लिए “एक्सिलेंस इन डिजिटल ट्रांस्फार्मेशन इन कार्डियोवैस्कुलर डिजीज़ केयर” की यह दोहरी पहचान, अनुसंधान, नवाचार और रोगी देखभाल के माध्यम से भारत में हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए संस्थान के अटूट समर्पण सिद्ध किया है।

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