मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम को संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत
डिप्टी सीएम ने अभियान को दिखाई हरी झंडी, किया रवाना

लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में डिप्टी ब्रजेश पाठक ने संचारी रोग नियंत्रण अभियान को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। डिप्टी सीएम ने कहा कि
डेंगू-मलेरिया व मच्छर जनित अन्य बीमारियों पर हमने करारा वार किया है। संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं घर-घर दस्तक अभियान से इन बीमारियों की रोकथाम में काफी मदद मिली है। वर्ष 2017 से पहले स्वास्थ्य विभाग की क्या स्थिति थी, यह किसी से छिपी नहीं है।
आज हम आमजन को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। रविवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक अलीगंज के अर्बन सीएचसी में पांच से 31 अक्टूबर तक संचालित विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं 11 से 31 अक्टूबर तक संचालित घर-घर दस्तक अभियान के तीसरे चरण का शुभारंभ करते हुए कहा कि अभियान के माध्यम से हमने डेंगू और मलेरिया पर करारा वार किया है।
व्यापक स्तर पर इस अभियान का संचालन प्रदेश स्तर पर किया जा रहा है।
उप मुख्यमंत्री ने संचारी रोगों के उपचार एवं रोकथाम के लिए जागरूकता रैली भी निकाली। रैली में बड़ी संख्या में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल रहे। साथ ही फॉगिंग मशीनों को भी रवाना किया गया।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि यह अभियान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। डेंगू, मलेरिया, जापानी इंसेफेलाइटिस और दिमागी बुखार जैसे रोगों पर नियंत्रण पाने के लिए 13 विभागों के तहत संयुक्त रूप से यह अभियान चलाया जा रहा है।
सीएचसी का स्थलीय निरीक्षण..
उपमुख्यमंत्री ने अलीगंज की अर्बन सीएचसी का स्थलीय निरीक्षण कर जनस्वास्थ्य सुविधाओं एवं सीएचसी की विभिन्न व्यवस्थाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
इस अवसर पर विधायक नीरज बोरा, प्रमुख सचिव (चिकित्सा स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण) अमित कुमार घोष, महानिदेशक, स्वास्थ्य डॉ. रतनपाल सिंह सुमन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, लखनऊ डॉ. एनबी सिंह, डॉ.एपी सिंह, डॉ. गोपी लाल, डॉ. रितु श्रीवास्तव एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि 2017 के मुकाबले एईएस रोगियों की मृत्युदर में 98 फीसदी और जेई रोगियों की मृत्युदर में 97 फीसदी की कमी आई है। इसके अलावा, डेंगू की मृत्यु दर 93 फीसदी और मलेरिया के कुल केसेज में 58 फीसदी की कमी आई है।
डिप्टी सीएम ने बताया कि 2017 से पहले 108 एंबुलेंस का औसत रेस्पांस टाइम 16.40 मिनट था जो अब घटकर 7.7 मिनट हो गया है। वहीं, 102 एंबुलेंस का रेस्पांस टाइम 9.5 मिनट से घटकर 6.25 मिनट हो गया। अब यूपी देश में एंबुलेंस के सबसे कम रिस्पांस टाइम के मामले में पहले नंबर पर है, जिससे लाखों मरीजों की जान बचाई गई है।



