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मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पीजीआई को मिली आर्थिक सहायता

 एसबीआई बैंक ने पीआईसीयू के लिए दिया 10 करोड़ का चेक

 

 लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। एसजीपीजीआई में अत्याधुनिक सुविधाओं को बढ़ाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की गई।

सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री आवास में आयोजित समारोह में भारतीय स्टेट बैंक ने संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के सीवीटीएस विभाग में एक अत्याधुनिक बाल चिकित्सा हृदय गहन चिकित्सा इकाई (पीआईसीयू) के विकास के लिए ₹10 करोड़ का चेक प्रदान किया गया।

इस मौके पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा मौजूद रहे। यह पहल उत्तर प्रदेश सरकार और सलोनी हार्ट फाउंडेशन (एसएचएफ), अमेरिका के सहयोग से की गयी।

जन्मजात हृदय रोग (सीएचडी) भारत में शिशु और बाल्यावस्था रुग्णता और मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक है। इसमें हर साल लगभग 2 लाख बच्चे इस स्थिति के साथ पैदा होते हैं। वहीं

इस समारोह में पद्मश्री प्रोफेसर आरके धीमन, निदेशक, एसजीपीजीआई, प्रोफेसर आदित्य कपूर, विभागाध्यक्ष, कार्डियोलॉजी, डॉ. एसके अग्रवाल, विभागाध्यक्ष, सीवीटीएस, डॉ. प्रभात तिवारी, विभागाध्यक्ष, एनेस्थिसियोलॉजी और डॉ. शांतनु पांडे, प्रोफेसर, सीवीटीएस उपस्थित रहे।

हिमांशु सेठ, मृणालिनी सेठ और विपिन जैन ने सलोनी हार्ट फाउंडेशन का प्रतिनिधित्व किया। इस अवसर पर भारतीय स्टेट बैंक और एसबीआई फाउंडेशन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

सलोनी हार्ट फाउंडेशन के पहले चरण का उद्घाटन अक्टूबर 2024 में मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा किया गया था। 30 बिस्तरों वाला पीडियाट्रिक सीवीटीएस वार्ड चालू कर दिया गया था। लेकिन ओटी और आईसीयू सीवीटीएस विभाग की मदद से चल रहे थे। आईसीयू के नवीनीकरण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से 1.5 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ था, जो कार्य अब पूरा हो चुका है।

काफी संख्या में बच्चों को उन्नत तृतीयक स्तर की देखभाल की आवश्यकता है। जिसकी उपलब्धता अभी भी सीमित है। संस्थान में एक समर्पित पीडियाट्रिक कार्डियक आईसीयू की स्थापना से जटिल हृदय रोगों से ग्रस्त बच्चों के लिए निदान, शल्य चिकित्सा प्रबंधन और शल्य चिकित्सा के बाद की देखभाल के लिए अत्यंत आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।

इस अवसर पर बोलते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधियों ने पीडियाट्रिक और कार्डियक देखभाल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने एक अग्रणी तृतीयक रेफरल केंद्र के रूप में पीजीआई के महत्व पर प्रकाश डाला, जो भारत में अत्याधुनिक विशेषज्ञता और मार्गदर्शन लाने के लिए एसएचएफ जैसे वैश्विक संगठनों के साथ साझेदारी कर रहा है।

एसबीआई द्वारा अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पहल के माध्यम से दिया गया सहयोग जन स्वास्थ्य और सामुदायिक विकास के प्रति बैंक की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

₹10 करोड़ का यह योगदान देने से उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्यों के गंभीर रूप से बीमार बच्चों को समय पर, विश्व स्तरीय उपचार मिलने में आसानी होगी। इसी क्रम में संस्थान निदेशक प्रो. आरके धीमन ने एसबीआई और एसएचएफ को साझेदारी के लिए धन्यवाद देते हुए जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के लिए आशा और उपचार प्रदान करने के संस्थान के मिशन को दोहराया। उन्होंने कहा कि

उत्तर प्रदेश सरकार, एसजीपीजीआई, एसएचएफ और एसबीआई के बीच यह सहयोगात्मक प्रयास भारत की तात्कालिक स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करने और एडवांस पीडियाट्रिक केयर के लिए स्थायी मॉडल बनाने में सार्वजनिक-निजी भागीदारी की शक्ति को प्रदर्शित करता है।m

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