यह स्टेशन हमारी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक विरासत का प्रतीक- सुनील कुमार वर्मा
चारबाग रेलवे स्टेशन ने पूरे किए 100 वर्ष मना जश्न

स्टेशन की बेजोड़ बुनियाद का बताया इतिहास
लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी स्थित चारबाग रेलवे स्टेशन ने अपने 100 वर्षों की यात्रा पूरी कर ली। रेलवे स्टेशन के गौरवशाली 100 वर्ष पूर्ण होने पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए।
ज्ञात हो कि यह रेलवे स्टेशन भारत का बेजोड़ रेलवे प्रमुख स्टेशन है। जिसकी नींव सन 1914 में बिशप जॉर्ज हर्बर्ट ने रखी थी। इसे बनाने में करीब 09 वर्ष लगे एवं निर्माण पर करीब रुपए 70 लाख की लागत आई थी।
स्टेशन का पहला चरण 1923 में और दूसरा व अंतिम चरण 1925 में पूरा हुआ था। एक अगस्त 1925 को ईस्ट इंडिया रेलवे के जीएल काल्विन ने प्रथम श्रेणी पोर्टिको के पास एक संदूक को गाड़ा। संदूक में एक सिक्का और उस दिन का अखबार रखा गया था।
हवाई दृश्य से शतरंज की बिसात जैसा दिखने वाला ये स्टेशन कारीगरी का बेजोड़ नमूना है। इस स्टेशन की यूं तो बहुत सी खूबियाँ हैं लेकिन एक विशेष बात ये है की इस स्टेशन पर गाड़ियों की आवाज बाहर नहीं सुनाई देती है।
ऐतिहासिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू की पहली मुलाकात 26 दिसंबर 1916 को इसी स्टेशन पर हुई थी। निर्मित इस ऐतिहासिक स्टेशन ने न केवल स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है, यह स्टेशन भारतीय रेल के विकास, यात्रियों की बढ़ती आवश्यकताओं और देश की स्वतंत्रता संग्राम की गाथाओं का भी साक्षी रहा है।
पिछले 100 वर्षों में यह स्टेशन निरंतर प्रगति करता रहा है और आज आधुनिक यात्री सुविधाओं, तकनीकी उन्नयन एवं विश्वस्तरीय सेवाओं से सुसज्जित है।
15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक सुनील कुमार वर्मा के नेतृत्व में मंडल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा रेलवे स्टेडियम , गाँधी पार्क व 2nd एन्ट्री स्टेशन परिसर की ओर 100 पौधे लगाकर शताब्दी वर्ष कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
16 अगस्त को बच्चों के लिए ड्राइंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने रेलवे और देशभक्ति विषय पर अपनी कला का प्रदर्शन किया। रविवार 17 अगस्त को लखनऊ रेलवे स्टेशन पर स्टेशन के इतिहास पर आधारित एक नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। इस नाटक में स्टेशन की पूर्व कार्यप्रणाली एवं वर्तमान में उपलब्ध यात्री सुविधाओं तथा आधुनिक कार्यशैली को प्रदर्शित किया गया।
साथ ही लखनऊ रेलवे स्टेशन पर स्टेशन के इतिहास पर आधारित एक नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। इस नाटक में स्टेशन की पूर्व कार्यप्रणाली एवं वर्तमान में उपलब्ध यात्री सुविधाओं तथा आधुनिक कार्यशैली को प्रदर्शित किया गया।
वहीं मंडल रेल प्रबंधक सुनील कुमार वर्मा ने लखनऊ रेलवे स्टेशन के इतिहास पर आधारित एक “विशेष शार्ट फिल्म” का रिमोट दबाकर उद्घाटन किया तथा ब्रिटिश कालीन निर्माण, गौरवशाली इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम में स्टेशन की भूमिका को समर्पित एक पुस्तक का विमोचन भी किया।
ड्राइंग प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों को मंडल रेल प्रबंधक द्वारा प्रमाण पत्र एवं मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान श्री वर्मा ने मीडिया प्रतिनिधियों से संवाद भी किया। इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक में कहा कि “लखनऊ (चारबाग) रेलवे स्टेशन ने अपने गौरवशाली 100 वर्ष पूरे कर लिये हैं।
यह स्टेशन केवल एक यात्री भवन नहीं है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं स्थापत्य विरासत का प्रतीक है। पिछले सौ वर्षों में इस स्टेशन ने करोड़ों यात्रियों की सुखद यात्रा का साक्षी बनते हुए निरंतर प्रगति की है तथा अपनी भव्यता और सेवा भाव से राष्ट्रीय स्तर पर भी एक अलग पहचान बनाई है।
लखनऊ स्टेशन के इस शताब्दी वर्ष पर हम यह संकल्प लेते हैं कि यात्रियों को और बेहतर सुविधाएँ, आधुनिक तकनीक से युक्त सेवाएँ तथा स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराएँगे। मैं इस ऐतिहासिक अवसर पर लखनऊ मंडल के सभी रेलकर्मियों, नागरिकों एवं यात्रियों को हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ।
इस अवसर पर लखनऊ मंडल के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राएँ, रेल कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में रेल यात्री उपस्थित रहे।



