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यूपी बना निर्यातक,वाराणसी से 34 हज़ार किलो का हुआ निर्यात

 दुबई पहुंचा उत्तर प्रदेश का बिस्कुट, उद्योग को मिली गति

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। उत्तर प्रदेश निर्यातक के रूप में कदम बढ़ा दिया है। शनिवार को उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार का लक्ष्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकाधिक खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना हो, जिससे किसानों को बेहतर मूल्य, युवाओं को रोजगार और राज्य को निर्यात से अधिक राजस्व प्राप्त हो।

यह पहल प्रदेश को खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में एक “निर्यात केंद्रित राज्य” के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद के मार्गदर्शन मे उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने रफ्तार और तेज हो गयी है। उत्तर प्रदेश मे निवेशको के प्रस्ताव लगातार प्राप्त हो रहे हैं और प्राप्त प्रस्तावो औपचारिक कार्रवाई भी तेजी से हो रही है।

इस दिशा में वाराणसी से एक बड़ी उपलब्धि सामने आई है, जहां से 34 हजार किलोग्राम बिस्कुट का निर्यात दुबई के लिए किया गया है। यह कदम प्रदेश के उद्यमियों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है और वैश्विक बाज़ार में उत्तर प्रदेश के उत्पादों की मांग को दर्शाता है।

इस संबंध में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के नवीन प्रस्तावों के परीक्षण के लिए”अप्रेजल समिति” की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में राज्य के विभिन्न जिलों से प्राप्त प्रस्तावों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। प्रस्तावों के तकनीकी, वित्तीय और व्यावसायिक पहलुओं का परीक्षण कर उन्हें शीघ्र अनुमोदन देने की दिशा में निर्णय लिए गए।

उप्र खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 अन्तर्गत खाद्य प्रसंस्करण के नवीन प्रस्तावों के परीक्षण के लिए अपर मुख्य सचिव, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण बीएल मीना की अध्यक्षता में नेशनल बटॉनिकल रिसर्च इन्स्टीट्यूट (एनबीआरआई) के सभाकक्ष में अप्रेजल समिति की बैठक सम्पन्न हुयी।

बैठक में अप्रेजल समिति के सदस्यों के अतिरिक्त प्री-अप्रेजल समिति द्वारा संस्तुत की गयी परियोजनाओं से सम्बन्धित जनपद यथा-सहारनपुर, बरेली, कानपुर नगर, मेरठ, अमरोहा, शाहजहांपुर, मथुरा, सीतापुर, अलीगढ़, झांसी, बदायूं, पीलीभीत, कुशीनगर, वाराणसी एवं बुलन्दशहर के निवेशकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। अप्रेजल समिति की बैठक में सोलर पावर प्लाण्ट, बेकरी, पल्प, फूट जूस, फ्रोजन फूड, नमकीन, पिनट्स, पशु आहार, लॉलीपॉप, जैली, कैण्डी आदि से सम्बन्धित प्रस्तावों पर

गहन विचार-विमर्श करते हुए कुल 23 प्रस्तावों के सापेक्ष सम्भावित निवेश रू. 132 करोड़ की 17 परियोजनाओं को राज्य स्तरीय इम्पावर्ड कमेटी (एसएलईसी) के समक्ष प्रस्तुत करने की संस्तुति की गयी।

अप्रेजल समिति द्वारा उप्र खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 के अन्तर्गत निर्यात को प्रोत्साहन सब्सिडी श्रेणी अन्तर्गत जनपद वाराणसी के निवेशक द्वारा 34 हजार किलोग्राम बिस्कुट दुबई एक्सपोर्ट किया गया, से सम्बन्धित प्रस्ताव पर संस्तुति करते हुए अध्यक्ष द्वारा प्रदेश के पूर्वान्चल क्षेत्र से अपेक्षानुरूप प्रस्ताव प्राप्त न होने पर चिन्ता व्यक्त की गयी तथा उपस्थित अधिकारियों को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति के व्यापक प्रचार-प्रसार करने एवं पूर्वान्चल क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण की प्रबल सम्भावना के दृष्टिगत् अधिक से अधिक प्रस्ताव प्राप्त करने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिये गये।

अपर मुख्य सचिव द्वारा यह भी निर्देशित किया गया कि उप्र खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 में अधिक से अधिक पूंजी निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाय।

विभिन्न क्षेत्रो यथा-फल एवं सब्जी प्रसंस्करण, दुग्ध प्रसंस्करण, रेडी टू इट,रेडी टू कुक खाद्य पदार्थ ब्रेक फास्ट सिरियल्स,स्नैक्स,बेकरी एवं अन्य खाद्य पदार्थ, अनाज दाल एवं तिलहन प्रसंस्करण, अन्य कृषि,बागवानी उत्पाद-स्पाइस, सोयाबीन, मशरूम प्रसंस्करण, शहद प्रसंस्करण, कोको उत्पाद, गुड आधारित वैल्यू एडेड उत्पाद, फूट जूस पल्प से तैयार कार्बोनेटेड पेय पदार्थ, अन्य क्षेत्र के खाद्य उत्पादों जो मानव उपयोग के लिए उपयुक्त है, को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति के तहत सब्सिडी का प्राविधान है।

एसीएस बी एल मीना द्वारा बताया गया कि नीति अन्तर्गत अद्यतन 332 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान कर लेटर ऑफ कर्फट जारी किया गया है। जिसके सापेक्ष 50 परियोजनायें पूर्ण हो चुकी है।

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