मस्तिष्क एवं रीड हड्डी की चोट से ग्रसित मरीजों जागरूक करने के लिए बैठक
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चोट लगने के उपचार पर दिए सुझाव

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। डॉक्टरों ने मस्तिष्क एवं रीड की हड्डी में चोट लगने के उपचार पर जानकारी साझा की। रविवार को
एसजीपीजीआई के एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में बीते शनिवार से न्यूरोसर्जरी विभाग द्वारा न्यूरो ट्रॉमा सपोर्ट ग्रुप की मासिक बैठक का आयोजन किया गया। यह मासिक बैठक हर महीने के अंतिम शनिवार को होती है। जिसे न्यूरो ट्रॉमा सपोर्ट ग्रुप का उद्देश्य मस्तिष्क एवं रीढ़ की हड्डी की चोट से ग्रसित मरीजों और उनके परिवार के सदस्यों को जागरूक करना और उनको आने वाली समस्या को सुन कर उनका समाधान बताने के लिए किया जाता है। वहीं
एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के चीफ प्रो. डॉ अरुण श्रीवास्तव ने मरीजों एवं उनके परिचारकों को सिर पर एवं रीढ़ की हड्डी पर चोट लगने से होने वाली क्षति और उसके निवारण के समाधान बताए। धैर्य एवं सकारात्मक सोच का उदाहरण देते हुए डॉ अरुण ने परिचारकों का मार्गदर्शन किया। साथ ही
डॉ वेद प्रकाश मौर्य एवं डॉ कमलेश सिंह ने इस मौके पर परिचारकों को मरीज की देखभाल एवं उपकरणों का सही प्रयोग हस्पताल में ही सीखने पर जोर दिया। जिसके फल स्वरूप घर पर मरीज का सही से इलाज आगे बढ़ाया जा सके।
मनोचिकित्सक डॉ रोमिल सैनी ने मरीजों और परिचारकों में आने वाले अवसाद, व्यवहार एवं अनुभूति में आने वाले बदलाव के बारे में बताते हुए इनके निवारण के लिए समाधान बताए। मरीज के उत्साह वर्धन में व उसके शीघ्रतर स्वास्थ्य लाभ के लिए उन्होंने डीप ब्रीदिंग एवं माइंडफुलनेस की भूमिका को जरूरी बताया। न्यूरोसर्जरी टीम के डॉ सुधाकर, डॉ हिमेश, डॉ अनंता एवं डॉ अंशु ने उपस्थित मरीजों से सबकी मुलाकात कराई, जो सिर की चोट से पूर्णतया ठीक हो चुके हैं और उनके अनुभव से सबको प्रेरणा मिली।
न्यूरो ट्रॉमा सपोर्ट ग्रुप के माध्यम से मरीज एवं परिचारकों को मरीज के पुनर्वास में फिजियोथेरेपी की अहम भूमिका समझाने एवं डायटिशियन के माध्यम से सही आहार लेने पर बल दिया गया।
एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार को इस तरह के आयोजन जारी रहेंगे, जिससे मरीजों और उनके परिचारको की समस्या का समाधान किया जा सके और उन्हें इस दिशा में जागरूक किया जा सके।



