उत्तर प्रदेशराष्ट्रीय

मध्य कमान में हिंदी वाद-विवाद एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता

 एपीएस एलबीएस मार्ग लखनऊ को मिला प्रथम स्थान

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में सेना द्वारा छात्रों के स्किल्स परखने के लिए हिंदी वाद विवाद प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की गयी। शनिवार को

मध्य कमान हिंदी वाद-विवाद एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता (क्लस्टर-3) का सफल आयोजन 8 से 10 जुलाई तक आर्मी पब्लिक स्कूल नेहरू रोड में संपन्न हुआ। तीन दिवसीय इस प्रतियोगिता में मध्य कमान के सात आर्मी पब्लिक स्कूलों में एपीएस एलबीएस मार्ग लखनऊ, एपीएस गोपालपुर, एपीएस वाराणसी, एपीएस नंबर 1 रुड़की, एपीएस हेमपुर, एपीएस फतेहगढ़ तथा जनरल बीसी जोशी एपीएस पिथौरागढ़ के 21 छात्रों ने भाग लिया।

कार्यक्रम का उद्घाटन 8 जुलाई को 71 माउंटेन ब्रिगेड के कमांडर एवं एपीएस नेहरू रोड के चेयरमैन ब्रिगेडियर एसएस मूले एवं रचना मूले द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। इस अवसर पर गणेश वंदना की सुंदर प्रस्तुति दी गई। हिंदी वाद-विवाद प्रतियोगिता का विषय था “सोशल मीडिया सूचनाओं का लोकतंत्रीकरण कर आतंकवाद को सक्षम बना रहा है। बीते

9 जुलाई को आयोजित अंग्रेज़ी वाद-विवाद प्रतियोगिता का विषय था “The Gig Economy is a Threat to Traditional Employment and Social Safety Nets.”

दोनों प्रतियोगिताओं में रक्षा, न्यायपालिका एवं शैक्षणिक जगत के प्रतिष्ठित निर्णायकों ने विचारों की स्पष्टता, विषयवस्तु, प्रस्तुति एवं प्रत्युत्तर के आधार पर प्रतिभागियों का मूल्यांकन किया।

10 जुलाई को अंतिम दिन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमें छात्रों के सामान्य ज्ञान, तत्परता, एकता एवं समूह कार्यकुशलता की परीक्षा ली गई। प्रतियोगिता के बीच हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने दर्शकों को मनमोहक प्रस्तुति दी।

समापन समारोह में एपीएस नेहरू रोड की प्रधानाचार्या निधि राठौर ने परिणामों की घोषणा की। हिंदी एवं अंग्रेज़ी वाद-विवाद प्रतियोगिता में एपीएस एलबीएस मार्ग लखनऊ ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। जबकि एपीएस गोपालपुर एवं जनरल बीसी जोशी एपीएस पिथौरागढ़ उपविजेता रहे। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में जनरल बीसी जोशी एपीएस पिथौरागढ़ विजेता तथा एपीएस गोपालपुर उपविजेता घोषित हुआ।

वहीं निधि राठौर ने निर्णायक मंडल के सदस्यों, प्रतिभागी छात्रों, शिक्षकों एवं आयोजन समिति के सदस्यों को उनके अथक परिश्रम और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएँ न केवल छात्रों के व्यक्तित्व विकास में सहायक हैं, बल्कि उनमें नेतृत्व क्षमता एवं आत्मविश्वास भी उत्पन्न करती हैं।

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