हनुमान जी की आराधना करने से प्रभु श्रीराम की बरसती कृपा – मुक्तिनाथानंद
रामकृष्ण मठ में भजन संगीत के साथ विशाल भंडारा

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। लक्ष्मण नगरी में चिरंजीवी संकट मोचन हनुमान जी की अटूट श्रद्धा भक्ति देखने को मिली। मंगलवार को निराला नगर स्थित चतुर्थ बड़े मंगल पर हर्षोल्लास के साथ रामकृष्ण मन्दिर में ठाकुर जी की मंगल आरती और वैदिक मंन्त्रोच्चारण के साथ स्वामी इष्टकृपानन्द द्वारा आवाहन किया गया।
तत्पश्चात मुख्य मंदिर के सामने हनुमानजी की प्रतिष्ठित मूर्ति पर माल्यार्पण,पूजा,आरती के बाद स्वामी मुक्तिनाथानन्द महाराज द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। साथ ही भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया। स्वामी मुक्तिनाथानन्द महाराज ने ऑनलाइन धार्मिक प्रवचन किया। वहीं
शास्त्रीय गायन जयपुर के जाने माने शास़़्त्रीय गायक उद्भव कौशिक ने भक्तिगीतों की मधुर प्रस्तुति दी। इसी क्रम में मठ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानन्द द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ व समापन संगीत भगवान राम के एक भजन से -“इतनी विनती रघुनंदन की प्रस्तुति दी। हनुमान जी का स्मरण करते हुए स्वामी मुक्तिनाथानन्द महाराज ने बताया कि चौथे बड़े मंगल पर शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। बड़े मंगल के साथ ही धूमावती जयंती व मासिक दुर्गाष्टमी होने के कारण इस दिन हनुमान जी के साथ मांँ दुर्गा की भी पूजा की गयी। इसलिए चौथा बड़ा मंगल विशेष फलदायी है। यही कारण है कि इस दिन व्रत रखने और विशेष रूप से हनुमान जी की आराधना करने से भगवान श्रीराम की विशेष कृपा प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि
ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को विशेष रूप से “बड़ा मंगल“ को “बुढ़वा मंगल“ के रूप में मनाया जाता है। यह दिन पूरी तरह से भगवान हनुमान जी को समर्पित होता है, जो भक्ति, शक्ति और सेवा के प्रतीक हैं। ऐसा माना जाता है कि इन दिनों व्रत रखने और पूजा-अर्चना करने से सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
हनुमान चालीसा में उनके पराक्रम, भक्ति और श्रीराम के प्रति उनकी निष्ठा का गहन वर्णन है। इसके नियमित पाठ से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है। आज के दिन विशेष रूप से हनुमान चालीसा का 7, 11 या 21 बार पाठ करना अत्यंत फलदायी माना गया है।