कठिनाइयों को पार कर विश्व में सर्वश्रेष्ट बनने को उत्कृष्ट उदाहरण बीएसएफ -अमित शाह
सीमा सुरक्षा बल के अलंकरण समारोह में शामिल गृहमंत्री रहे मौजूद

नई दिल्ली। लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। देश की राजधानी में सीमा सुरक्षा बल का अलंकरण समारोह मनाया गया। शुक्रवार को बतौर मुख्य अतिथि केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह नई दिल्ली में सीमा सुरक्षा बल के अलंकरण समारोह एवं रुस्तमजी स्मृति व्याख्यान में शामिल रहे।
इस अवसर पर केन्द्रीय गृह सचिव निदेशक, आसूचना ब्यूरो और महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 1965 से 2025 तक कीबीएसएफ की यात्रा यह बताती है कि विकट परिस्थितियों में अल्प संसाधनों के साथ शुरू हुआ, यह संगठन आज दुनिया का सबसे बड़ा और गौरवमयी सीमा सुरक्षा बल बनकर हमारे सामने खड़ा है। उन्होंने कहा कि देशभक्ति के आधार पर सभी कठिनाइयों को पार कर किस प्रकार विश्व में सर्वश्रेष्ठ बना जा सकता है। इसका सबसे उत्कृष्ट उदाहरण सीमा सुरक्षा बल है। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियां, 45 डिग्री से अधिक या बहुत कम तापमान, घने जंगल, दुर्गम पहाड़ और समुद्र के किनारे बीएसएफ के प्रहरियों ने जो देशभक्ति और निष्ठा दिखाई है,उसी से बीएसएफ को फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस का सम्मान मिला है।
श्री शाह ने कहा कि देश में एक निर्णय लिया गया था कि एक सीमा पर एक ही बल सुरक्षा करेगा और तब BSF को बल की योग्यता देखकर दो सबसे कठिन सीमाओं, बांग्लादेश और पाकिस्तान, की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी दी गई।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने केएफ रुस्तमजी के योगदान को याद करते हुए कहा कि 1965 के युद्ध के बाद एक ऐसे बल की ज़रूरत महसूस की गई जो शांतिकाल में भी सीमा की सुरक्षा कर सके और उससे BSF का विचार जन्मा और रुस्तमजी बल के पहले महानिदेशक बने। उन्होंने कहा कि 1965 में BSF की स्थापना के बाद 1971 में हम पर थोपे गए युद्ध में बल के जवानों ने जो वीरता दिखाई औऱ योगदान दिया, उसे भारत कभी नहीं भूल सकता और बांग्लादेश को भी उसे कभी नहीं भूलना चाहिए।
श्री शाह ने कहा कि बांग्लादेश के निर्माण में BSF की बहुत बड़ी भूमिका रही और अन्याय के खिलाफ लड़ने में सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस बल ने बहादुरी के साथ मोर्चा लेने का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया।



