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गोरखपुर में वानिकी एवं उद्यानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना को मिली रफ्तार

वन मंत्री ने प्रस्तुतिकरण का किया अवलोकन

 

लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। प्रदेश के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने गोरखपुर के कैम्पियरगंज में प्रस्तावित उत्तर प्रदेश वानिकी एवं उद्यानिकी विश्वविद्यालय की रूपरेखा पर आधारित प्रस्तुतीकरण का उच्च अधिकारियों के साथ अवलोकन किया। विश्वविद्यालय की स्थापना से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर सुधार के निर्देश दिए और इसे प्रदेश के शैक्षिक और पर्यावरणीय विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत गोरखपुर जनपद के कैम्पियरगंज रेंज में स्थापित होने वाले वानिकी एवं उद्यानिकी विश्वविद्यालय को लेकर तैयार की गई रूपरेखा का अवलोकन गुरुवार को प्रदेश के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने बापू भवन, सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में किया।

प्रस्तुतीकरण के दौरान डॉ. सक्सेना ने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु चयनित 50 हेक्टेयर भूमि की भारत सरकार से विधिवत स्वीकृति शीघ्र प्राप्त की जाए, ताकि आगे की प्रक्रिया तेज हो सके। उन्होंने विश्वविद्यालय से जुड़ी अंतिम रिपोर्ट को जल्द से जल्द तैयार करने के भी निर्देश दिए।

डॉ. सक्सेना ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के तहत प्रदेश में प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक व्यापक सुधार किए जा रहे हैं। इसी क्रम में गोरखपुर में प्रस्तावित यह विश्वविद्यालय वानिकी, उद्यानिकी, पर्यावरण, पारिस्थितिकी, जलवायु परिवर्तन और जैव तकनीकी के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान को बढ़ावा देगा।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना से देश-विदेश के विद्यार्थी वन्यजीव संरक्षण, प्राकृतिक संसाधनों के सतत् उपयोग और पर्यावरणीय अध्ययन में गहन शोध कर सकेंगे, जिससे न केवल समाज को लाभ मिलेगा बल्कि जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक मुद्दों पर भी अधिक सटीक और वैज्ञानिक विश्लेषण संभव होगा।

प्रस्तुतीकरण के दौरान प्रमुख सचिव वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन अनिल कुमार सहित उच्च शिक्षा विभाग, उद्यान विभाग एवं वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। अधिकारियों ने विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की और विश्वविद्यालय को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार विकसित करने पर बल दिया।

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