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मुस्कान को हासिल करने में लगा लोकबन्धु अस्पताल

मुस्कान मिलने पर प्रत्येक विभाग को मिलेंगे लाखों रूपये

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी का लोकबंधु राज नारायण संयुक्त चिकित्सालय मुस्कान को हासिल करने में लगा हुआ है। अस्पताल मुस्कान राष्ट्रीय प्रमाणन सर्टिफिकेशन के लिए केंद्र सरकार की टीम द्वारा एक से तीन अप्रैल के बीच असेसमेंट होना बताया जा रहा है। बता दें कि मुस्कान की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा 12 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में देखभाल की गुणवत्ता में सुधार के लिए की गयी है। जिसका उद्देश्य समस्त सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं देने वाली फैसिलिटी में गुणवत्ता पूर्ण और मानकों के अनुरूप स्वास्थ्य सेवाएं देनेवाला प्रयास शामिल है। इसमें नवजात एवं बाल मृत्यु दर में कमी लाने एवं रोकथाम योग्य नवजात एवं बाल रुग्णता को कम करने के लिए इस प्रक्रिया को अपनाया गया है।इसमें बच्चे के शारीरिक,मानसिक और सामाजिक विकास सहित बच्चे के सम्प्पर्ण विकास और वृद्धि के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है। एलबीआरएन के बाल रोग विभाग के नोडल डॉ. नीलाम्बर झा बताते हैं हैं कि मुस्कान कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता पहल है। जिससे अस्पताल में नवजात एवं बाल रोग विभाग द्वारा दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता का आठ मानकों पर आकलन किया जाता है। जिसमें एसएनसीयू, बाल चिकित्सा ओपीडी और बाल चिकित्सा वार्ड(आईपीडी)शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जिस तरह से गुणवत्तापूर्ण महिला स्वास्थ्य सेवाओं के लिए लक्ष्य सर्टिफिकेशन है। उसी तरह से बाल स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मुस्कान है। एलबीआरएनलक्ष्य सर्टिफाइड है। यदि यह मुस्कान सर्टिफाईड हो जाता है तो इससे गुणवत्तापूर्ण महिला और बाल सेवाओं के लिए सुरक्षित मातृत्व आश्वासन (सुमन) सर्टिफिकेट मिलने की संभावनाएं भी बढ़ जाएंगी और यह जनपद का पहला अस्पताल होगा जिसे सुमन सर्टिफिकेट मिलेगा। यह अस्पताल के लिए गौरव की बात होगी। उन्होंने बताया कि अस्पताल का मुस्कान का सर्टिफिकेशन होने पर प्रति विभाग को तीन लाख रूपये तीन साल तक मिलेंगे। इस तरह से हर साल अस्पताल को 9 लाख रुपए की धनराशी मिलेगी।तीन साल बाद दोबारा एसेसमेंट होगा। तब तक इंटरनल असेसमेंट होता रहेगा। इस राशि का 25 फीसद कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने में तथा 75 फीसद राशि का उपयोग ब्रांडिंग गतिविधियों जैसे साइनेज, लोगो को जागरूक करने और सुविधा सुधार की गतिविधियों में किया जा सकता है। जिसके लिए अन्य स्रोतों में धन उपलब्ध नहीं होते हैं। मुस्कान असेसमेंट में आठ मुख्य मानक होते हैं। जिसके तहत कई अन्य बिंदुओ में यह देखा जाता है कि बच्चो को इनडोर से लेकर आउटडोर तक किस तरह की सुविधाएँ मिल रही हैं। टीम द्वारा असेसमेंट के दौरान अभिभावकों से भी फीडबैक लिया जाता है। इसके साथ ही चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ की स्थिति,उनका व्यवहार साफ-सफाई, संक्रमण नियंत्रण और सुरक्षा, हर बिंदु के अलग अलग स्कोर होता है। फाइनल असेसमेंट में हर मानक में 70 फीसद या इससे अधिक अंक लाने पर ही सर्टिफिकेट मिलेगा। अस्पताल ने इन्टरनल असेसमेंट में 90 फीसद से अधिक अंक हासिल किए हैं। इसे हासिल करने के लिए पिछले एक साल से तैयारी हो रही है। बाल विभाग की ओपीडी में विशेष कार्य किया गया है,जहां व्यवस्थाएं मानकों के अनुरूप नहीं थी। टीकाकरण पंजीकरण और टीकाकरण काउंटर अलग अलग जगह पर था और टीकाकरण, दवाओं के लिए लाभर्थियो को पहली मंजिल पर आकर डॉक्टर से मिलना पड़ता था। अब पंजीकरण काउंटर और टीकाकरण काउंटर दोनों पहली मंजिल पर ही कर दिए गए हैं। जिससे कि लाभार्थियों को उपर नीचे न करना पड़े। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये पहली मंजिल पर जाली लगवाई गयी है।जिससे कोई अनहोनी न घटित हो। इस तरह से और कई गैप्स की पहचान की गई है और उन्हें दूर किया गया है। वहीं अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजीव कुमार दीक्षित का कहना है कि लक्ष्य सर्टिफिकेशन सहित कई उपलब्धियां अस्पताल ने हासिल की हैं, जो कि चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ के संयुक्त प्रयासों का ही परिणाम है। हम पूरी तरह आश्वस्त हैं कि अस्पताल मुस्कान सर्टिफाईड हो जायेगा।

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