उत्तर प्रदेशजीवनशैलीबड़ी खबरराष्ट्रीय

साक्ष्य आधारित चिकित्सा शोध व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका अहम – प्रो. धीमन

 डॉक्टरों वैज्ञानिकों के लिए प्रशिक्षण पर दिया जोर

 

लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। साक्ष्य आधारित चिकित्सा शोध व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह बातें शनिवार को एसजीपीजीआई निदेशक प्रो. आरके धीमन ने जैव सांख्यिकी और स्वास्थ्य सूचना विज्ञान विभाग द्वारा “परिकल्पना परीक्षण, अध्ययन डिजाइन और नमूना आकार अनुमान” विषय पर आधारित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि साक्ष्य आधारित चिकित्सा और क्लीनिकल ​​निर्णय लेना, स्वास्थ्य और जैव चिकित्सा अनुसंधान क्षेत्र में नए एरिया के रूप में उभरा है। इन क्षेत्रों में शोधकर्ताओं को हमेशा उचित निष्कर्ष पर पहुंचने के लिये चुनौती का सामना करना पड़ता है। रोगी देखभाल और गुणवत्ता अनुसंधान के माध्यम से साक्ष्य निर्माण के लिए अनुसंधान पद्धति का अच्छा ज्ञान उपयोगी है। संस्थान हमेशा से गुणवत्तापूर्ण शिक्षण, प्रशिक्षण और रोगी देखभाल के लिए प्रसिद्ध है। बता दें कि इस क्षेत्र में काम करने वाले डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को प्रशिक्षित करने के लिए 20 से 22 मार्च तक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किया गया। उद्घाटन भाषण के दौरान प्रो आरके धीमान ने विभाग को इस तरह के प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों की आवृत्ति बढ़ाने का सुझाव दिया, और उन्होंने विभाग को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय पर भी इसी तरह के पाठ्यक्रम आयोजित करने की सलाह दी। वहीं कोर्स कोऑर्डिनेटर डॉ. प्रभाकर मिश्रा ने बताया कि कार्यक्रम में एसजीपीजीआईएमएस, केजीएमयू, आरएमएल, कल्याण सिंह कैंसर संस्थान, सीबीएमआर, एमिटी यूनिवर्सिटी, लखनऊ यूनिवर्सिटी, आईएमएस बीएचयू, गोरखपुर यूनिवर्सिटी, आईसीएआर नई दिल्ली, सीएसआईआर और सीडीआरआई लखनऊ, अपोलो लखनऊ, जीआईएमएस नोएडा, आईआईपीएस मुंबई और आर्मी मेडिकल कॉलेज नई दिल्ली के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों समेत करीब 40 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। साथ ही विभागाध्यक्ष प्रो. उत्तम सिंह ने कहा कि यह आयोजन खास तौर पर क्लीनिकल ट्रायल के क्षेत्र में डॉक्टरों और मेडिकल शोधकर्ताओं को सशक्त बनाएगा। जिससे अंततः मरीजों की देखभाल के लिए साक्ष्य आधारित चिकित्सा उपचार को बढ़ावा मिलेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button