उत्तर प्रदेशधर्म-अध्यात्म

महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को भोजन वितरित कर, की मानव सेवा 

 

प्रयागराज महाकुम्भ। लखनऊ,भारत प्रकाश न्यूज़। महाकुम्भ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं को भोजन वितरित कर मानव सेवा करने की मिशाल पेश की है। सोमवार को यह जानकारी नाका गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी प्रवक्ता सतपाल सिंह मीत ने दी। उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र के सेक्टर 07 में ‘लंगर भाई लालो’ ने श्रद्धालुओं को भोजन प्रसाद से तृप्त किया। इस कैम्प के ​जरिए सिख समाज ने श्रद्धालुओं की निरन्तर सेवाएं प्रदान की है। महाकुम्भ में श्रद्धालुओं के लिए डेढ़ महीने तक लंगर चलाया। इसमें देश के कई प्रान्तों के सिख बंधुओं ने अपनी सेवाएं दी हैं । महाकुम्भ लंगर के पंडाल में चार साहिबजादों व सिख समाज के इतिहास की प्रदर्शनी भी लगाई गयी थी। लंगर में सहयोग करने वाले लोगों का संस्था की ओर से सम्मान भी किया गया। सरदार जसविंदर सिंह के नेतृत्व में इस कैम्प का संचालन हुआ। यहां पर लाखों श्रद्धालुओं के साथ प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी या पढ़ाई कर रहे छात्रों ने भी रात्रि को लंगर में प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय सिख संगत के तत्वाधान में भाई लालो का शुकराना अरदास समागम किया गया । कार्यक्रम के शुभारंभ में गुरु ग्रंथ साहिब महाराज की उपस्थिति में मुख्तियार सिंह मोखा द्वारा जपुजी साहिब के पाठ हुआ तत्पश्चात भाई हरविंदर सिंह द्वारा गुरबाणी कीर्तन का गायन किया गया। अन्तर्राष्ट्रीय कथावाचक ज्ञानी करनैल सिंह गरीब ने कहा कि सिख गुरूओं ने अपने लिए नहीं मानवता के कल्याण के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया। उन्होंने कहा कि भारत में आज 14 मजहब के लोग शांति से रह रहे हैं तो उसके लिए हमें गुरू तेग बहादुर के बलिदान को नहीं भूलना चाहिए। सिख गुरूओं ने अपने को सेवादार ही कहा। इस बात को अगर खालसाा समझ पाते तो हमारी गिनती आज 100 करोड़ होती। हमें एक दूसरे से जुड़कर सबको परमात्मा से जोड़ना है। सिख का मतलब जो गुरू के विचारों के अनुरूप चले वही सिख है। ज्ञानी करनैल सिंह गरीब ने कि जब तक अंदर की आत्मा को भक्ति व ज्ञान का स्नान नहीं कराओगे तब तक ऊपरी स्नान से कोई लाभ नहीं होगा। हमें गुरू की शिक्षाओं के अनुरूप चलने की आवश्यकता है। कार्यक्रम को राष्ट्रीय सिख संगत के कार्यकारी अध्यक्ष गुरबचन सिंह मौखा ने संबोधित करते हुए कहा कि गुरु नानक देव ने बढ़ई का काम करने वाले भाई लालो के भोजन को दूध के समान बताते हुए प्रसन्नता पूर्वक ग्रहण किया वहीं पर उसे गांव के जमींदार मलिक भागों के लूट और बेईमानी द्वारा कमाए गए भोजन को खून के समान बताते हुए अस्वीकार कर दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचार प्रमुख सुभाष ने कहा कि महाकुम्भ में लालो के लंगर के माध्यम से एक महायज्ञ संपन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ में अब तक 62 करोड़ से अधिक श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं। प्रयाग की धरती से संतों ने कहा कि धर्म की जय हो। धर्म यानि जो सबका सम्मान करता है सबको साथ लेकर चलता है। वही धर्म है। नारी का सम्मान होना चाहिए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित सिखों को संबोधित करते हुए क्षेत्र प्रचार प्रमुख ने कहा कि केवल पंजाब ही नहीं सम्पूर्ण भारत हमारा है। सभी सनातनी हमारे हैं। सद्भाव होगा तभी हमारे साथ शक्ति खड़ी होगी। जहां शक्ति होगी वहीं समृद्धि होगी। विश्व का कल्याण हो। इतना बड़ा चिन्तन केवल सनातनी ही मानकर चलते हैं। इसलिए संगठन गढ़े चलो सुपंथ पर बढ़े चलो भला हो जिसमें देश का वह काम सब किये चलो। सम्मानित होने वालों में सरदार इकबाल सिंह, सरदार मुख्तार सिंह, स्वामी विश्वानंद स्वामी गोविंदाचार्य,सरदार परमजीत सिंह बग्गा,सरदार सत्येन्द्र सिंह, डा.मंजीत सिंह खालसा, इन्द्रेश, सरदार सुरिन्दर सिंह, उदय सिंह, अमरेन्द्र श्रीवास्तव, दिलीप कुमार, सरदार कुलविंदर सिंह व सरदार परविंदर सिंह के अलावा कई लोगों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक सरदार जसवीर सिंह एवं सरदार मलकियत सिंह बाजवा ने सभी सेवादार एवं साधु संतो का आभार प्रकट किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button