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विवेकानंद अस्पताल में तीन दिवसीय निःशुल्क क्लीनिक का आयोजन 

कार्डियो-थोरैसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी के जाने माने स्वास्थ्य विशेषज्ञ करेंगे उपचार 

 

लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। राजधानी में तीन दिवसीय निःशुल्क क्लीनिक का आयोजन किया जा रहा है। यह जानकारी सोमवार को रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम सचिव स्वामी मुक्तिनाथानन्द ने प्रेस वार्ता के दौरान दी। उन्होंने बताया कि विवेकानन्द पॉलीक्लिनिक एवं आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा निःशुल्क कार्डियो-थोरैसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी में स्पेशलिटी क्लीनिक का आयोजन किया जायेगा। जिसमें ओपीडी की शुरुआत कल यानि मंगलवार 21, 23 एवं 24 जनवरी तक आयोजित किया जायेगा। सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक क्लीनिक संचालित रहेगी। उन्होंने बताया कि जाने माने कार्डियोवास्कुलर और थोरेसिक सर्जन प्रो. भवतोष बिस्वास जिन्हें थोरैसिक और वैस्कुलर सर्जरी में 25 वर्षों से अधिक का अनुभव है। संस्थान द्वारा मरीजों को लाभान्वित करने के लिए लाया गया है। डा. बिस्वास पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय डब्ल्यूबीयूएचएस के पूर्व कुलपति भी रहे है।

जानें बीमारियों के लक्षण..

पुरानी खांसी, बलगम वाली खांसी, हाल ही में वजन कम होना, भूख न लगना, सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, बार-बार सीने में संक्रमण, खांसी में खून आना जैसी छाती की समस्याओं से पीड़ित हैं, या फेफड़े या ग्रासनली के कैंसर से पीड़ित हैं अथवा दीर्घकालिक किडनी रोग में डायलिसिस की अवाश्यकता हो तो आपको परामर्श का लाभ ले सकते हैं। फेफड़े की टीबी, फेफड़े का कैंसर, एम्पाइमा, खांसी के साथ खून आना, फेफड़े में सूजन जैसे छाती में मवाद (एम्पाइमा), छाती में खून या पानी,खांसी के साथ खून आना (हेमोप्टाइसिस) फेफड़े का कैंसर,फेफड़ों का हाइडैटिड सिस्ट, बदबूदार खांसी- (ब्रोन्किइक्टेसिस ) फेफड़े में सूजन,छाती का ट्यूमर- (मीडियास्टिनल ट्यूमर), छाती की दीवार का ट्यूमर,फेफड की टीबी – सभी जटिलताएँ, छाती के अंदर हर्निया- (इवेंट्रेशन) छाती में अतिरिक्त पसली (सरवाइकल पसली),नष्ट हुआ फेफड़ा, जन्म से छाती में दोष,निगलने में कठिनाई- (अचलासिया कार्डिया) वैट्स, हवा की नली से नटस, पिन, बीज आदि निकालना, श्वास नली का पुनर्निर्माण, छाती की चोट, छाती की विकृति छाती का कोई भी रोग जो दवा से नियंत्रित न हो। इसके अलावा सभी प्रकार की संवहनी सर्जरी के लिए परामर्श में वैरिकाज़ नसें,डायलिसिस के लिए एवी फिस्टुला और स्थायी पेसमेकर के प्रत्यारोपण के लिए एपिकार्डियल पेसमेकर,संक्रमित पेसमेकर,जटिलताओं वाले पेसमेकर परामर्श ले सकते हैं। वहीं रक्त परिसंचरण और रक्त वाहिकाओं से संबंधित बीमारियों जैसे पुराने पैर दर्द, पैर में ऐंठन, हाथ और पैरों में सुन्नता, पैरों में सूजन, गैंग्रीन, वैरिकाज़ नसों की दिक्कत हो तो सुविधा लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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