उत्तर प्रदेशजीवनशैलीबड़ी खबर

केजीएमयू में अत्याधुनिक 3डी प्रिंटिंग लैब की शुरुआत

ऑर्थोपेडिक सर्जरी विभाग अत्याधुनिक तकनीकी से हुआ लैस 

 

लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। केजीएमयू के आर्थोपेडिक विभाग अत्याधुनिक तकनीकी से लैस किया गया है । शुक्रवार को संस्थान के ऑर्थोपेडिक्स विभाग में नई अत्याधुनिक 3डी प्रिंटिंग लैब को स्थापित किया गया। जिससे अब मरीजों को हड्डी से जुड़े जटिल मामलों के लिए कहीं दूसरे संस्थान में नहीं जाना पड़ेगा। वहीं लैब का उद्घाटन ऑर्थोपेडिक्स विभाग के प्रमुख प्रो.आशीष कुमार के दूरदर्शी नेतृत्व में किया गया। जिसमें अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. धर्मेंद्र कुमार लैब के प्रभारी की देखरेख में शुरुआत की गयी है । बता दें कि 3डी प्रिंटिंग लैब को आर्थोपेडिक सर्जरी और रोगी देखभाल में जटिल चुनौतियों का समाधान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस उन्नत 3 डी प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करके, प्रयोगशाला सटीक प्रीऑपरेटिव योजना, रोगी-विशिष्ट प्रत्यारोपण के निर्माण और विस्तृत शारीरिक मॉडल को सक्षम होगी । यह नवाचार सर्जिकल सटीकता को बढ़ाने, ऑपरेशन के समय को कम करने और रोगी के परिणामों में सुधार करने के लिए तैयार की गयी है। वहीं प्रो. आशीष कुमार ने 3डी लैब को मील के पत्थर कहकर उत्साह व्यक्त करते हुए कहा कि इस 3 डी प्रिंटिंग लैब का लॉन्च विश्व स्तरीय ऑर्थोपेडिक देखभाल प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह तकनीक हमारे सर्जनों को सबसे जटिल मामलों से भी आत्मविश्वास और सटीकता के साथ निपटने के लिए अद्वितीय उपकरणों के साथ सशक्त बनाती है। हमें इस तकनीकी प्रगति में सबसे आगे होने पर गर्व है। साथ ही लैब के प्रभारी डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने लैब के बारे में बताया कि यह सुविधा हमें सर्जरी का अनुकरण करने और प्रत्येक रोगी की अनूठी शारीरिक रचना के अनुरूप वैयक्तिकृत समाधान बनाने की अनुमति देती है। आर्थोपेडिक्स में 3डी प्रिंटिंग के अनुप्रयोग व्यापक हैं। जिनमें कॉम्प्लेक्स पेल्विक फ्रैक्चर सहित फ्रैक्चर से लेकर, संयुक्त प्रतिस्थापन का प्रबंधन कॉम्प्लेक्स टोटल घुटने और हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी और ट्यूमर रिसेक्शन शामिल हैं। हमारा लक्ष्य रोगी देखभाल में नए मानक स्थापित करना है।उन्होंने कहा कि इस पहल को कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद का भरपूर समर्थन प्राप्त हुआ है।

जानें 3डी प्रिंटिंग लैब के मुख्य लाभ..

जीवन जैसे शारीरिक मॉडल के साथ उन्नत प्रीऑपरेटिव योजना। बेहतर सर्जिकल फिट और कार्य के लिए अनुकूलित प्रोस्थेटिक्स और प्रत्यारोपण। परिशुद्धता-संचालित प्रक्रियाओं के कारण पुनर्प्राप्ति कम समय लगना । जूनियर डॉक्टर, शोधकर्ता और सर्जनों की शिक्षा और प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करना शामिल है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button