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विधानसभा शीतकालीन सत्र में विपक्ष पर बरसे मुख्यमंत्री 

संभल, बहराइच हिंसा का गरमाया मुद्दा 

 

लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। विधानसभा शीतकालीन सत्र की शुरुआत विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की उपस्थित में सत्र का शुभारंभ किया गया। सोमवार को शीतकालीन सत्र शुरू होने पहले दिन नवीनीकृत दर्शक दीर्घा का उद्घाटन और विधानसभा के शोध ग्रंथालय के माध्यम से प्रकाशित पुस्तक का विमोचन किया गया। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि भगवान विष्णु दशवा अवतार वहीं संभल में होगा। मुख्यमंत्री द्वारा इतना कहते ही जय श्रीराम नारे लगने लगे। साथ ही मुख्यमंत्री ने सनातन संस्कृति की परंपरा की बात करते हुए विपक्ष पर तंज कसा। सीएम योगी ने कहा कि भारत में राम-कृष्ण व बुद्ध की परंपरा ही चलेगी, बाबर और औरंगजेब की परंपरा नहीं रहेगी।

संभल को लेकर विपक्ष के हंगामे के बाद उन्होंने कहा कि न्यायालय के आदेश का पालन करना प्रशासन का दायित्व है। प्रशासन संभल में वही कर रहा है। उन्होंने सपा सदस्यों से कहा कि मंदिर को न छेड़कर आपने बड़ी कृपा कर दी, लेकिन 22 कुओं को किसने पाट दिया। आखिर मूर्तियां कैसे मिल रही हैं। नोटिस से परेशानी क्यों हो रही है।

योगी ने कहा कि संभल में तुर्क व पठान का विवाद चल रहा है। शफीकुर्रहमान बर्क सपा के संभल से पूर्व सांसद खुद को भारत का नागरिक नहीं, बल्कि बाबर का संतान कहते थे। आपको तय करना है कि आक्रांताओं को अपना आदर्श मानते हैं या राम-कृष्ण, बुद्ध की परंपरा को भारत में राम-कृष्ण व बुद्ध की परंपरा ही रहेगी, बाबर और औरंगजेब की परंपरा नहीं रहेगी।

विपक्षियों की खिंचाई करते हुए उन्होने कहा कि हम सोच रहे थे कि मिनी स्टेशन पॉवर कॉरपोरेशन चला रहा है, लेकिन संभल में धार्मिक स्थल से बिजली के मिनी स्टेशन संचालित हो रहे हैं। वहां कई मस्जिद ऐसी पाई गईं, जहां अवैध सब स्टेशन बनाकर फ्री में कनेक्शन बांटे गए थे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में पावर कॉरपोरेशन का लाइनलॉस 30 से कम है, लेकिन संभल के दीपासराय व मीरासराय मोहल्ले में लाइन लॉस 78 व 82 फीसदी है। यह देश के संसाधनों पर लूट है। प्रशासन कर्तव्य का निर्वहन कर रहा है तो उसे चोर कहेंगे और यदि प्रशासन चोरी पकड़ ले तो कहेंगे कि अत्याचार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सच्चाई सबके सामने आती है, तो बुरा लगता है। जो बराबरी नहीं कर सकते, वे बुराई करते हैं। आप (विपक्ष) भी यही बुराई कर रहे हैं। आपकी बुराई में सत्य, न्याय नहीं झलकता। यह पक्षपातपूर्ण है। इससे लोकतंत्र की व्यवस्था कमजोर होती है। किसी भी मुस्लिम, अन्य मत-मजहब के त्योहारों के दौरान समस्या नहीं होती तो हिंदू पर्व के दौरान यदि किसी ने समस्या खड़ी की तो सरकार सख्ती से निपटेगी।

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