उत्तर प्रदेश को श्वेत क्रांति की ओर अग्रसर करना लक्ष्य – धर्मपाल सिंह
महाकुम्भ मेले में पराग उत्पादों के लगेंगे स्टॉल
गौजन्य पदार्थों से निर्मित वस्तुओं का प्रचार प्रसार करने के निर्देश
लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। आगामी महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए खान पान की तैयारियां जोर शोर से की जा रही हैं। सोमवार को विधान भवन स्थित कार्यालय कक्ष में विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान
उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि महाकुंभ मेले में पराग का स्टाल लगाया जाए और गौजन्य पदार्थों से निर्मित वस्तुओं का प्रचार प्रसार भी किया जाए। उन्होंने कहा कि विभाग के लिए सुनहरा मौका है, इस महाकुंभ के पावन अवसर पर विभाग अपनी उपयोगिता की सार्थकता को सिद्ध करे और वहां के श्रद्धालुओं को पराग के शुद्ध, स्वादिष्ट दूध, दही, लड्डू,मक्खन और अन्य पदार्थ सुलभ करा सके। पराग के उत्पादों की पर्याप्त व्यवस्था की जाए।श्री सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश को श्वेत क्रांति की ओर अग्रसर करना अब हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
पशुधन मंत्री ने निर्देश दिए कि दुग्ध उत्पादन बढ़ाकर 5 लाख लीटर प्रतिदिन किया जाए। दुग्ध विकास विभाग का लक्ष्य प्रदेश की जनता को शुद्ध दूध उपलब्ध कराना है और दुग्ध उत्पादन से जुड़े किसानों, पशुपालकों को उनके दुग्ध मूल्य का नियमित रूप से भुगतान कराना प्राथमिकता है।उन्होंने विभागीय अधिकारियों को बंद पड़ी दुग्ध समितियों को पुनः चालू किये जाने और वर्तमान में संचालित समितियां किसी भी कारण से बंद न किये जाने पर विशेष बल दिया।
श्री सिंह ने कहा कि नन्द बाबा एवं गोकुल पुरस्कार के वित्तीय वर्ष 2023-24 के लाभार्थियांे की चयन सूची तैयार कर उन्हें पुरस्कृत करने की कार्रवाई शीघ्र पूरी की जाए। दुग्ध विकास मंत्री ने कानपुर, गोरखपुर और कन्नौज डेयरी प्लांट का संचालन एनडीडीबी को दिये जाने के संबंध में हुई प्रगति की भी समीक्षा की और कहा कि जो भी औपचारिकताएं शेष या अपूर्ण हैं, उन्हें शीघ्र पूरा किया जाए। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए नई समितियों के गठन एवं पुनर्गठन का लक्ष्य निर्धारण किया गया है, उसे सुदृढ़ कार्ययोजना बनाकर शीघ्र पूरा किया जाए। अवगत कराया गया कि वर्तमान में 8227 कार्यरत समितियां हैं। उन्होंने कहा कि पराग के उत्पादों की मार्केटिंग कर विशेष ध्यान दिया जाए।
श्री सिंह ने निर्देश दिये कि किसानों एवं पशुपालको को उनके दुग्ध मूल्य का भुगतान निर्धारित समयावधि में किया जाए और विलम्ब न होने पाये। वर्तमान भुगतान के साथ ही बकाया धनराशि का भी भुगतान कर भुगतान प्रक्रिया को नियमित किया जाए। वहीं
बैठक में दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव के रवीन्द्र नायक ने मंत्री को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनसे प्राप्त दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को समितियों की संख्या बढ़ाये जाने के संबंध में तत्परता से कार्य किये जाने के निर्देश दिये। बैठक में गठन पुनर्गठन के सापेक्ष संचालित दुग्ध समितियां, दुग्ध समितियों द्वारा भ्रमण, डेयरी प्लांट की उपयोगिता क्षमता, दुग्ध उपार्जन, तरल दुग्ध बिक्री, बकाया दुग्ध मूल्य भुगतान आदि की गहन समीक्षा की गयी।
बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेंद्र पांडेय,पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक आनंद कुमार सिंह, पशुपालन निदेशालय के निदेशक पीएन सिंह, अपार निदेशक डॉ जयकेश पांडे सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।