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11 को एम्बुलेंस कर्मी कंपनी के खिलाफ करेंगे धरना प्रदर्शन 

संघ का कंपनी पर हज़ारो कर्मियों को बाहर निकालने का आरोप

 

 

एंबुलेंस कर्मियों का डिमांड ड्राफ्ट वापस करने की उठाई मांग 

 

 लखनऊ, भारत प्रकाश न्यूज़। प्रदेश में 108,102 एंबुलेंस कर्मियों का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। जिसमें आगामी 11 नवंबर को बर्खास्त और सेवारत एम्बुलेंस कर्मी विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी कर ली है।

मंगलवार को 108,102 एम्बुलेंस कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री नितीश कुमार ने बताया कि सेवा प्रदाता 108 जीवीके कंपनी द्वारा अब तक लगभग 26 हज़ार एम्बुलेंस कर्मियों को बाहर कर दिया।

उन्होंने कंपनी पर आरोप लगाते हुए बताया कि कंपनी द्वारा सभी कर्मियों से नौकरी पर लगाने के नाम पर 45 हज़ार रूपये धनराशि के रूप में डीडी ली गयी है और इसके बाद कर्मचारियों को बाहर कर दिया गया।

नीतीश कुमार ने कहा कि त्योहारों के चलते आंदोलन स्थगित कर दिया गया था अब पुनः अपनी मांगो को लागू कराने के लिए करो या मरो के रूप में आंदोलन किया जायेगा। जिसमें बर्खास्त कर्मी और सेवारत एम्बुलेंस कर्मी आंदोलन में शामिल रहेंगे।

संघ का कहना है कि बीते 3 वर्षो से धरना प्रदर्शन, इटावा से लखनऊ पैदल न्याय यात्रा शामिल है। इसमें स्वास्थ्य मंत्री आवास के सामने भूख हड़ताल, आमरण अनशन करने पर पुलिस द्वारा इको गार्डन शिफ्ट कर दिया था और इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया था।

संघ पदाधिकारियो ने बताया कि प्रशासनिक स्तर पर नोटिस जीवीके कंपनी के गेट पर चश्पा किया गया जो की तीन बार लगातार नोटिस चश्पा हो चुका है। कंपनी लगातार प्रशासनिक नोटिस को अनदेखी कर वार्ता के लिए तैयार नहीं हुई।

वहीं संघ द्वारा बनी रणनीति में 11 नवंबर को हज़ारो की संख्या में कर्मचारी पुनः घेराव,धरना प्रदर्शन करने के लिए तैयारी बाध्य हो गए हैं । जिसका नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पांडे, प्रदेश कोषाध्यक्ष सुशील पांडे, प्रदेश मीडिया प्रभारी शरद यादव, प्रदेश संगठन मंत्री महेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश भर से कर्मचारियों के साथ 10 तारीख को रात्रि राजधानी में एकत्र होने का ऐलान कर दिया गया है।

 बर्खास्त एवं सेवारत एम्बुलेंस कर्मियों की प्रमुख मांगो में..

9 हज़ार अनैतिक रूप से बर्खास्त किए गए कर्मचारियों को वेतन सहित बहाल कर नोटिस पीरियड वेतन भी दिया जाए, ड्यूटी के लिए डिमांड ड्राफ्ट 45 हज़ार रु 2012 से 2024 तक के सभी कर्मचारियों को वापस किया जाए।

5 वर्ष पूरे होने वाले कर्मचारियों को ग्रेच्युटी प्रदान की जाए, कर्मचारी भविष्य निधि का पैसा दिया जाए,बीमा धनराशि कोरोना काल में शहीद कर्मचारियों को 50 लाख का बीमा प्रदान किया जाए,

2012 से लेकर 2024 तक का ओवर टाइम का भुगतान किया जाए। जिस तरह से एम्बुलेंस कर्मी कई वर्षो से अपनी मांगो को लेकर विरोध जताने में लगे हुए हैं। इसके लिए शासन प्रशासन को कोई रास्ता तो आखिरकार निकालना ही चाहिए। जिससे आंदोलन जैसी स्थिति उत्पन्न न हो सके।

 

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